- कॉन्ट्रैक्ट लेबर रखने वाले संस्थानों को एचयूएम से जुड़ना अनिवार्य
- श्रमिकों के हित के लिए हरियाणा सरकार ने लिया बड़ा फैसला
बुधवार को प्रदेश के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की अध्यक्षता में स्टेट एडवाइजरी कान्ट्रेक्ट लेबर बोर्ड की दूसरी बैठक गुरुग्राम में आयोजित की गई. जिसमें अनूप धानक समेत कई नेता व अधिकारी मौजूद थे. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि कॉन्ट्रेक्ट लेबर रखने वाली सभी पंजीकृत साइटों तथा संस्थानों को हरियाणा उद्योग मेमोरेंडम (एचयूएम) के साथ जुड़ना अनिवार्य होगा. अर्थात इससे जुड़ने के लिए प्रत्येक संस्थान को पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा. जिसके बाद उन्हें एचयूएम नम्बर दिया जाएगा.
फरवरी 2021 तक प्रत्येक ठेकेदार संस्थान को इससे जुड़ना आवश्यक है अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी. यह कार्य सही ढंग से हो इसकी जिम्मेदारी श्रम विभाग को सौंपी गई है. इस कार्य को 6 महीने के अंदर पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके बाद श्रम विभाग की ओर से समीक्षा की जाएगी. उन्होंने बताया कि जब ये कर्मचारी एचयूएम से जुड़ जाएंगे तब इन्हें ईएसआई तथा ईपीएफ का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा. बैठक में जानकारी दी कि कॉन्ट्रैक्ट लेबर एक्ट (रेगुलेशन एन्ड अबॉलिशन) 1970 के तहत अब तक 427 संस्थानों ने पंजीकरण करवाया है.
50 से ज्याद श्रमिकों वाले संस्थानों पर लागू होगा नियम
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि प्रत्येक उद्योग अपने यहां काम करने वाले ठेकेदारों का पैनल तैयार करेगा. जिसके तहत एक्ट में आने वाले ठेकेदारों को लाइसेंस प्रदान किये जायेंगे. इस एक्ट में 50 से ज्यादा श्रमिक रखने वाली इकाइयों को कवर किया जाएगा.
इसके लागू होने से श्रमिकों को बहुत फायदा होगा क्योंकि वो श्रम विभाग में पंजीकृत होंगे. जिसके फलस्वरूप उन्हें उन योजनाओं का लाभ मिल सकेगा जो सरकार द्वारा चलाई जाती हैं. इसलिए श्रमिक वर्ग सरकार द्वारा उनके हित मे उठाये गए इस कदम से बहुत खुश हैं. जिससे इस फैसले की खूब तारीफ हो रही है.
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