करनाल । बच्चों मे खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार हर संभव कोशिश कर रही है. इसी दिशा में अब सरकार की तरफ से सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं में खेल नर्सरियों की शुरुआत की गई है. बता दे कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में खेल विभाग के प्रशिक्षक अपने अंतर्गत खेल नर्सरी में बच्चों को अभ्यास करवा रहे हैं. ऐसा करने से हजारों खिलाड़ी छोटी उम्र में ही खेल को अपना रहे हैं.
शिक्षण संस्थान कर रही है ट्रायल में देरी
पिछले सप्ताह खेल विभाग की तरफ से नर्सरी अलॉट की गई थी. इसके तहत इन नर्सरियों में चयनित बच्चों की लिस्ट खेल कार्यालय में जमा करवाने थी . बता दें कि जिला करनाल में निजी शिक्षण संस्थाओं को 31 खेल नर्सरिया अलॉट की गई थी, जिनमें से केवल अभी तक 6 संचालक ही अपने संस्थान के चयनित खिलाड़ियों की सूची सौंप पाए है. अभी भी 25 नर्सरियों के जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली धीमी है.
शिक्षण संस्थाओं में खेल विभाग के प्रशिक्षकों की दखलंदाजी नहीं है, इन सब के बावजूद भी अभी तक खिलाड़ियों की सूची तैयार नहीं हो पाई है. नर्सरी की मांग करने वाली सरकारी संस्थाओं में अभी तक काबिल कोच की तैनाती तक नहीं हो पाई है. कस्बे के एक सरकारी स्कूल के संचालक ने बताया कि रविवार को ट्रायल रखे गए हैं और उसके बाद ही प्रशिक्षण की तैनाती की जानी है. जिले में 32 प्रशिक्षकों के अंतर्गत खेल नर्सरियों में खिलाड़ी सुबह और शाम अभ्यास कर रहे हैं.
इसी प्रकार शिक्षण संस्थाओं को 31 नर्सरिया अलॉट की गई है. इन संस्थान नर्सरी में खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर नजर रखी जाएगी और खिलाड़ियों के बीच प्रतिस्पर्धा का आयोजन भी किया जाएगा. जिला खेल अधिकारी अशोक दुआ ने बताया कि 15 अप्रैल तक शिक्षण संस्थाओं के नर्सरियों के चयनित खिलाड़ियों की रिपोर्ट जमा करवानी थी, परंतु अभी तक केवल 6 संस्थान ही कार्यालय में दस्तावेज देकर गए हैं.
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