करनाल।देश के अधिकतर हिस्सों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी हैं और अप्रैल माह का आधा पखवाड़ा लोगों का गर्मी के अहसास से गुजरा है. इस उच्च तापमान के लिए कई कारक जिम्मेदार है. राजस्थान के पश्चिमी भागों में मार्च के दूसरे सप्ताह के दौरान एक प्रतिचक्रवात बना. बलूचिस्तान, मध्य पाकिस्तान और थार रेगिस्तान से शुष्क और गर्म हवाएं उत्तर पश्चिमी और मध्य भारत में जारी रहीं और तेलंगाना तक पहुंच गईं.
पश्चिमी हिमालय पर बारिश और बर्फबारी के लिए जिम्मेदार पश्चिमी विक्षोभ मार्च के दौरान सक्रिय ही नहीं हो पाया. उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में प्री-मानसून गतिविधियों की अनुपस्थिति भी चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी की वजह बनी.
हालांकि एक और पश्चिमी विक्षोभ के 19 अप्रैल तक पश्चिमी हिमालय पर पहुंचने की पूरी उम्मीद है. लेकिन इसका प्रभाव देश के उत्तर-पश्चिम और मध्य भाग पर देखने को नहीं मिलेगा. ऐसे में लोगों को भीषण गर्मी और तेज धूप से राहत मिलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं.
देशभर में यह बना हुआ है मौसमी सिस्टम
केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान द्वारा जारी मौसम बुलेटिन के अनुसार, इस समय उत्तरी राजस्थान और आसपास के इलाकों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र निचले स्तरों पर बना हुआ है. एक टर्फ रेखा विदर्भ से मराठवाड़ा होते हुए उत्तर आंतरिक कर्नाटक तक फैली हुई है. दक्षिण- पूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र के आस-पास के हिस्सों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. 19 अप्रैल तक एक नए पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने की संभावना जताई जा रही है.
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