चंडीगढ़ | भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर रहे हरियाणा के मशहूर आईएएस अधिकारी अशोक खेमका खुद भ्रष्टाचार के आरोप में फंस गए हैं. पंचकूला के सेक्टर 5 थाने में भ्रष्टाचार के आरोप में खेमका के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. अशोक खेमका पर आरोप है कि वर्ष 2010 में हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के एमडी पद पर रहते हुए दो प्रथम श्रेणी अधिकारियों को गलत तरीके से पैसे लेकर नियुक्त किया गया था. ये दोनों अधिकारी मैनेजर रैंक के हैं.
बताया जा रहा है कि अशोक खेमका के खिलाफ पंचकूला सेक्टर 5 थाने में शिकायत की गई है. लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया है. हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक (एमडी) और करनाल के मंडलायुक्त संजीव वर्मा ने यह बड़ी कार्रवाई की है.
बता दें कि अशोक खेमका की छवि भ्रष्टाचार का विरोध करने वाले अधिकारी की है लेकिन संजीव वर्मा की इस कार्रवाई ने उनकी छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं. संजीव वर्मा ने अशोक खेमका द्वारा भर्ती किए गए दोनों अधिकारियों को निलंबित करने की भी सिफारिश की है.
उधर पंचकूला पुलिस एमडी संजीव वर्मा के एफआईआर को लेकर आदेश को लेकर असमंजस में है. संजीव वर्मा ने इस पूरी कार्रवाई की रिपोर्ट मुख्य संजीव कौशल और कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा को भेजकर अशोक खेमका के खिलाफ चार्जशीट की सिफारिश भी की है. अशोक खेमका के खिलाफ संजीव वर्मा की इस कार्रवाई से नौकरशाही में हड़कंप मच गया है.
बता दें कि डॉ. अशोक खेमका विभिन्न विभागों में पदस्थापन के दौरान भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ अपने अभियान के लिए प्रसिद्ध रहे हैं. माना जा रहा है कि इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा.अशोक खेमका का उनके कार्यकाल में 52 बार तबादला हो चुका है. हरियाणा में विभिन्न सरकारों के समय उनका सरकार से टकराव भी हुआ था.
अशोक खेमका अपने तीखे और बेबाक ट्वीट्स की वजह से भी चर्चा में रहे हैं. वह अपने ट्वीट के जरिए व्यवस्था और राजनीति पर सवाल उठाते रहे हैं. खेमका हरियाणा में भूपिंदर सिंह सरकार के दौरान रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी और डीएलएफ सौदे में कथित घोटाले का पर्दाफाश करने के लिए सुर्खियों में आए थे.
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