नई दिल्ली। दुनिया भर में एक बार फिर से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. भारत में भी कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर अब चिंता बढ़ गई है. पिछले 24 घंटों में भारत में कोरोना के करीब 2000 से ज्यादा केस सामने आए हैं. कोरोना की बाकी लहरों का ज्यादा असर बच्चों पर नहीं पड़ा, परंतु इस नए वेरिएंट XE की चपेट में बच्चे अधिक आ रहे हैं.
दोबारा से बढ़ने लगे हैं कोरोना के मामले
अब स्कूल भी खुल चुके हैं, जिस वजह से यह आशंका जताई जा रही है कि यह संक्रमण तेजी से फैल सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि पिछले दो हफ्तों में बच्चों में फ्लू जैसे लक्षणों में बढ़ोतरी देखी गई है. ऐसे में अगर बच्चे को कोरोनावायरस होता है, तो माता-पिता को इसके लिए घबराने की आवश्यकता नहीं है. अभी बच्चों में कोरोना के लक्षण काफी माइल्ड है और समय पर इलाज करवाने से वह जल्द ही ठीक हो रहे हैं.
इस नए वेरिएंट को पिछले वेरिएंट तुलना में काफी खतरनाक माना जा रहा है. ऐसे में यह जरूरी है कि बच्चों को इस नए वेरिएंट के संक्रमण से बचा कर रखा जाए. यदि बच्चों में इस प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना के नए वेरिएंट से संक्रमित बच्चों को शरीर में सूजन भी हो सकती है, उन्हें यह सूजन काफी हफ्तों तक भी रह सकती है.
इसके आम लक्षणों में बुखार, गर्दन में दर्द, रैशेज होना, उल्टी या दस्त, आंखें लाल होना, थकान महसूस होना, होठ फटना, हाथ पैरों में सूजन आदि है. यदि आपके बच्चे में भी इस प्रकार के कोई लक्षण नजर आते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. बच्चों में मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों में सूजन हो सकती है. इसमें हृदय, फेफड़े, गुर्दे, मस्तिष्क, त्वचा, आंख आदि शामिल है. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि MIS -C का सही कारण क्या है. ऐसे में इसके परिणाम काफी गंभीर और घातक भी साबित हो सकते हैं.
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