इस बार राखी बांधने जा रही बहनें हरियाणा रोडवेज की बसों में मुफ्त यात्रा का लाभ उठाने से वंचित रहेंगी. 2006 में भूपेंद्र हुड्डा सरकार द्वारा लागू इस नियम में हरियाणा सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए परिवर्तन किया है. हालांकि, अभी तक राखी पर बच्चों व महिलाओं को फ्री बस सेवा की सुविधा मिलती थी. कोरोना के चलते परिवहन विभाग को बहुत घाटा पड़ा है क्योंकि लॉकडाउन के दौरान परिवहन सेवा बिल्कुल ठप्प रही. जिसके चलते रोडवेज को कोई आमदनी नहीं हो पाई. इसलिए सरकार ने इस बार फैसला लिया है कि इस रक्षाबंधन पर मुफ्त सेवा को परिवहन विभाग अफ़्फोर्ड नहीं कर पायेगा इसलिए महिलाओं को अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी.
सीमित सवारियों के साथ होगा परिवहन संचालन
हर बार राखी पर जहां बसें खचाखच भरी होती हैं वहीं इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए केवल 30 सवारी ही एक बस में बैठ सकेंगी. जिसमें टू सीटर पर 1 तथा थ्री सीटर पर 2 सवारी बैठ सकेंगी. इसके साथ ही बसस्टैंड पर भी 2 फ़ीट दूरी के साथ सोशल डिस्टनसिंग का पूरा पालन किया जाएगा व हर सवारी का पूरा पता विभाग द्वारा नोट किया जाएगा. हालांकि अभी महामारी के दौर में जहां बसें सीमित संख्या में चल रही हैं वहीं इस अवसर पर बसों के आवागमन को बढ़ाया जा सकता है क्योंकि बसों में लटक कर या खड़े होकर सवारी करना बिल्कुल निषेध है.
फ्री बस यात्रा न करवाने पर रोडवेज महिला यूनियन नाखुश
हरियाणा रोडवेज महिला यूनियन ने फ्री बस यात्रा को जारी न रखने के फैसले पर अपनी नाराजगी जाहिर की है. यूनियन सदस्य संतोष ने बताया कि वह सरकार के इस फैसले का विरोध करती हैं तथा साथ ही सरकार को इस फैसले को वापस लेने के लिए मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार को फ्री बस यात्रा सुविधा जारी रखनी चाहिए व रक्षाबंधन पर महिलाओं को असुविधा न हो इसके लिए बसों की संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए. वहीं ट्रांसपोर्ट मैनेजर ने बताया कि रोडवेज में आये घाटे को देखते हुए इस बार यह सुविधा नहीं दी जा सकेगी. परंतु मांग के अनुसार बसों की संख्या को जरूर बढ़ाया जाएगा.
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