हिसार।भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 28 अप्रैल के बाद एक और पश्चिमी विक्षोभ आने का पूर्वानुमान जारी किया है. हालांकि इससे पहले भी कई पश्चिमी विक्षोभ आए लेकिन सक्रिय नहीं हो पाए जिसके चलते लोगों को समय से पहले ही भीषण गर्मी का प्रकोप झेलना पड़ रहा है. मगर अब मौसम की चाल में परिवर्तन देखने को मिल रहा है.
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के चलते धूलभरी हवाएं और बारिश आने की संभावना है, जिसके चलते तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी. मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के चलते होने वाली बारिश का फसलों पर कोई खास प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा. दिन का तापमान सामान्य रहेगा और लोगों को गर्मी का अहसास होगा.
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि राज्य में 28 अप्रैल तक मौसम आमतौर पर खुश्क रहने की संभावना है. इस दौरान दिन के तापमान में बढ़ोतरी होने व बीच बीच में पश्चिमी गर्म खुश्क हवाएं चलने की संभावना है. उन्होंने बताया कि इससे पहले पाकिस्तान के रास्ते सोमवार को हरियाणा में आए पश्चिमी विक्षोभ की वजह से शाम को हुई हल्की बारिश ने गर्मी की तपिश कम करने का काम किया है.
क्या होता है पश्चिमी विक्षोभ
पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यरेखा-क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली वह बाह्य- उष्णकटिबंधीय आंधी है जो सर्द मौसम में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भागों में अकस्मात बारिश ले आती है. बता दें यह बारिश मानसून की बरसात से भिन्न होती है. बाह्य-उष्णकटिबंधीय आंधियां विश्व में सब जगह होती हैं. इनमें नमी सामान्यतः ऊपरी वायुमंडल तक पहुंच जाती है, जबकि उष्णकटिबंधीय आंधियों में आर्द्रता निचले वायुमंडल में मौजूद होती है. भारतीय महाद्वीप में जब ऐसी आंधी हिमालय तक जा पहुंचती है तो नमी कभी-कभी बरसात के रूप में बदल जाती हैं.
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