पानीपत | देशभर में पड़ रही भीषण गर्मी ने एकाएक बिजली की मांग को बढ़ा दिया है. कमोबेश यही स्थिति हरियाणा में भी है जहां एक तरफ मांग के मुताबिक बिजली आपूर्ति नहीं हो पा रही है तो वहीं दूसरी तरफ एक नई मुसीबत और आन खड़ी हो गई है. मिली जानकारी अनुसार पानीपत थर्मल पॉवर प्लांट में कोयले की सप्लाई डिमांड के हिसाब से नहीं पहुंच रही हैं, जिसके चलते निम्न स्तर के कोयले से काम चलाना पड़ रहा है. यहां महज तीन दिन का कोयला शेष बचा है.
बता दें कि इस समय पानीपत थर्मल पॉवर प्लांट की तीनों यूनिट चल रही है जिन्हें जनरेट करने में एक दिन में लगभग 10500 टन कोयले की खपत होती है. वीरवार को थर्मल पॉवर प्लांट में तीन रैक में लगभग 11100 टन कोयले की सप्लाई पहुंची है. थर्मल में इस समय मात्र 37158 टन कोयले का स्टॉक बचा हुआ है, जिससे थर्मल पॉवर प्लांट को केवल तीन दिन ही चलाया जा सकता है.
कोयले की कमी के कारण थर्मल में निम्न गुणवत्ता का कोयले की सप्लाई पहुंच रही है. कोयले की निम्न गुणवत्ता के कारण थर्मल में बिजली का उत्पादन क्षमता के हिसाब से नहीं हो पा रहा है. बिजली संकट के चलते थर्मल की 210 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर 6 को लगभग तीन साल बाद चलाया गया था. कोयले की निम्न गुणवत्ता के कारण यह यूनिट अपने पूरे लोड पर नहीं चल पा रही. इससे लगभग 160 मेगावाट बिजली का उत्पादन ही हो पा रहा है.
गर्मी की वजह से बढ़ी मांग
प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी ने एकाएक बिजली की मांग को बढ़ा दिया है. फिलहाल प्रदेश में 16 करोड़ 46 लाख यूनिट बिजली की मांग है, जिसे पूरा करना बिजली निगमों के लिए चुनौती बन चुका है. ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहर तक हर तरफ बिजली को लेकर हाहाकार मचा हुआ है और 8-10 घंटे के बिजली कट लोगों को झेलने पड़ रहे हैं.
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