हिसार।रुस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग का असर गेहूं की डिमांड पर देखने को मिल रहा है. विदेशों में गेहूं की मांग बढ़ने से भाव में भी तेजी देखी जा रही है. खरीद एजेंसी हैफेड ने एक लाख मीट्रिक टन गेहूं बाहर एक्सपोर्ट करने के लिए किसी कंपनी के साथ करार किया है. ऐसे में हैफेड भी एमएसपी से ज्यादा भाव पर गेहूं की खरीद कर सकता हैं, जिसका फायदा किसानों को मिलने वाला है.
अभी 94 हजार क्विंटल गेंहू की खरीदारी
अब तक हैफेड ने 94 हजार क्विंटल गेहूं की सरकारी खरीद की है,जो एफसीआइ के गोदाम में रखा है.मगर इसके अलावा एक लाख मिट्रिक टन गेहूं की खरीदारी करनी है. पिछले लगभग दो सप्ताह से गेहूं की मांग बढ़ गई है. कुछ आढ़ती या मिल कंपनी गेहूं का भंडारण करने में जुटीं हुई है. आढ़तियों ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस बार मंडियों में गेहूं की आवक कम हुई है. ज्यादा भाव के चक्कर में कुछ किसान घर पर ही गेहूं का स्टॉक कर रहे हैं जबकि कुछ आढ़ती ग्रामीण क्षेत्रों में सीधे किसानों से गेहूं खरीद रहे हैं, ऐसे में गेहूं की आवक कम होने से भाव में तेजी दर्ज हो रही है.
हैफेड ने किया 2040 रुपए भाव
हैफेड ने गेहूं की सरकारी खरीद के लिए 2040 रुपए प्रति क्विंटल का भाव तय किया हैं. इसके बावजूद भी किसान हैफेड के पास गेहूं लेकर नहीं पहुंच रहें हैं क्योंकि प्राइवेट में गेहूं 2300-2400 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा है और किसान भी सीधे व्यापारियों को बेच कर खुश हैं.
खुद की आटा चक्की
हैफेड की खुद की आटा चक्की मिल है. ऐसे में हैफेड गेहूं का आटा की थैली बनाकर बेचने की तैयारी में है. इस बार गेहूं का दाना सिकुड़ा हुआ है, जिसका आटा बनाने में पता नहीं चलेगा. यह भी वजह है कि हैफेड द्वारा गेहूं के रेट में बढ़ोतरी की गई है.
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