नई दिल्ली | उत्तर भारत में रविवार को बारिश की आशंका जताई जा रही है. बारिश यदि होती है तो पूरे उत्तर भारत में मौसम (Weather Update) में बदलाव के साथ-साथ एक खुशखबरी यह भी हो सकती है कि इससे वायु प्रदूषण में कमी आएगी क्योंकि वातावरण में फैले धूलकण जम जाएंगे. उत्तर भारत में खेतों के पराली के धुंए और दीपावली पर हुए वायु प्रदूषण के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 400 के पार चला गया है. यदि बारिश नहीं होती है तो एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 को छू सकता है जो आंखों और फेफड़ों के लिए घातक सिद्ध हो सकता है, जिससे वृद्ध, बच्चे व श्वसन के मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
भारत में भारतीय उपमहाद्वीप में सर्दियों में अमूमन बारिश पश्चिमी विक्षोभ के कारण होती है जो रबी की फसल के लिए वरदान मानी जाती है, और यह बारिश न केवल रबी की फसल बल्कि इस सीजन में वायु की गुणवत्ता को भी सुधारती है जिससे आसमान और वायु दोनों साफ हो जाते हैं .अब मौसम एजेंसी स्काईमेट के अनुमान के अनुसार रविवार को हल्की से लेकर जोरदार बारिश हो सकती है जिससे दिल्ली एनसीआर में दृश्यता सीमा में बढ़ोतरी हो सकती है.
पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यसागरीय और उसके आस पास के सागरों से पानी लेकर भारतीय उपमहाद्वीप में बारिश करवाता है जो किसानों के लिए वरदान साबित होती है हालांकि कभी कभार यह ओले भी लेकर आता है, जिससे इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है.
स्काईमेट और अन्य मौसम विज्ञानियों की माने तो रविवार और आने वाले दिनों में मौसम में बदलाव से हवा की गुणवत्ता के साथ साथ तापमान में भी कमी आ सकती है जो ठिठुरन का आगाज कर सकती है जिससे सर्दी जुकाम इत्यादि मौसमी बीमारियों का भी खतरा हो सकता है, इसलिए बच्चों व वरिष्ठजनों का विशेष ध्यान रखना चाहिए जिससे वे इन बीमारियों से बच सकें.
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