सोनीपत । हरियाणा में इस बार गेहूं का उत्पादन अच्छा नहीं रहा है और इसके पीछे किसान कई तर्क बता रहे हैं. सबसे पहले बेमौसमी बारिश और उसके बाद समय से पहले भीषण गर्मी का दौर शुरू होने से गेहूं की पैदावार पर बुरा प्रभाव पड़ा है. अब इसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने नुकसान की भरपाई करने के लिए सरकार से 500 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने की मांग की हुई.
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि किसानों को प्रति एकड़ 50 से 60 क्विंटल गेहूं का उत्पादन होता था लेकिन इस बार केवल 35 से 45 प्रति क्विंटल गेहूं का उत्पादन हुआ है. जिसके चलते किसानों को प्रति एकड़ 8 से 10 क्विंटल गेहूं का नुक़सान पहुंचा है.
किसानों ने बताया कि पहले बेमौसमी बारिश ने गेहूं की फसल को खराब कर दिया और उसके बाद समय से पहले अधिक गर्मी पड़ने के चलते गेहूं की फसल को पकने के लिए समय नहीं मिला. भीषण गर्मी होने के चलते गेहूं का दाना सिकुड़ गया, जिसके चलते उत्पादन पर असर पड़ा है. किसानों का कहना है कि रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग के चलते भी उन्हें अच्छा खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है.
हरियाणा के सोनीपत जिले की अनाज मंडी के आढ़तियों ने बताया कि अबकी बार पिछले साल से 45 से 50 प्रतिशत गेहूं की आवाक मंडी में कम हुई है. उन्होंने बताया कि सोनीपत की मंडी में गेहूं की आवक इसलिए भी कम हुई है क्योंकि दिल्ली की नरेला मंडी में किसानों को गेहूं का भाव एमएसपी से कही अधिक मिल रहा है और किसान अपना गेहूं लेकर वही जा रहे हैं.
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