मौसम विभाग के मुताबिक जुलाई महीने में बारिश औसत से लगभग 10 प्रतिशत कम रही. परंतू आईएमडी के अनुसार अगले 2 महीने में मानसून के सामान्य रहने की संभावना है. जिससे पिछले महीने की तुलना में बारिश के ज्यादा आसार हैं. विभाग के अनुसार जुलाई में कम जबकि जून में 16 से 17 प्रतिशत तक अधिक बारिश हुई.
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि इस साल पिछले वर्ष की तुलना में हिमाचल प्रदेश, यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाण, दिल्ली इत्यादि इलाकों में 18 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई. जबकि जम्मू में 49 व लद्दाख में इसमें 61 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई. पश्चिमी व तटीय राज्यों गुजरात, गोआ तथा महाराष्ट्र में भी 4 प्रतिशत की कमी जुलाई महीने में मानसूनी बारिश में दर्ज की गई.
यहां हुई अधिक बारिश
लगभग सभी दक्षिणी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेश अंडमान निकोबार, लक्षद्वीप व पुडुचेरी में 12 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई तथा बंगाल, उड़ीसा व बिहार में भी पिछले साल की तुलना में जुलाई में 12 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई. बिहार जैसे इलाकों में तो बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं ने भी कहर मचाया है. इस प्रकार जहां सामान्य तौर पर जुलाई में मौसम बारिश से सुहावना हो जाता है वहीं इस बार औसत से कम बारिश होने से लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ा है. इसलिए आने वाले 2 महीनों में मानसून का सामान्य रहना एक राहत की खबर है जिससे लोगों को तेज धूप व गर्मी से निजात मिलेगी.
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