चंडीगढ़ । मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को हरियाणा कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. इस बैठक के दौरान जहां नई आबकारी नीति लागू की गई है तो वहीं हरियाणा में आवासीय एवं वाणिज्यिक उपयोग के लिए नई एकीकृत लाइसेंसिंग नीति को मंजूरी प्रदान की गई है. आइए जानते हैं सरकार के अहम फैसलों पर विस्तार से…
ठेकेदार पंजीकरण नियम-2022
कैबिनेट मीटिंग में कारोबार की सहुलियत और पारदर्शिता लाने के लिए ठेकेदारों को सिंगल विंडो उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से राज्य सरकार के साथ काम करने के इच्छुक ठेकेदारों के पंजीकरण के लिए ठेकेदार पंजीकरण नियम-2022, हरियाणा लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है. नियमों के अनुसार, अब हरियाणा इंजीनियरिंग वक्र्स (एचईडब्ल्यू) पोर्टल पर ठेकेदारों की आईडी सृजित करना अनिवार्य होगा.
हालांकि ठेकेदारों द्वारा पंजीकरण के लिए आवेदन करना वैकल्पिक है, लेकिन हरियाणा सरकार के किसी भी विभाग, बोर्ड, सोसायटी आदि में काम करने वाले प्रत्येक ठेकेदार के लिए कुछ मूल जानकारी दर्ज करते हुए एचईडब्ल्यू पोर्टल पर एक प्रोफाइल बनाना आवश्यक है. हरियाणा में किसी भी जगह काम करने वाले हर ठेकेदार की एक विशिष्ट ठेकेदार आईडी तैयार करने के लिए यह जरूरी है. सभी ठेकेदारों को लॉगिन अकाउंट बनाना होगा और ‘प्रोफाइल समरी’ दस्तावेज प्राप्त करने होंगे.
उप- विभाजित भूखंडों को नियमित करने की नीति- निर्देशों को स्वीकृति
अवैध रूप से उप-विभाजित भूखंडों को नियमित करने और भूखंड मालिकों को मूल रूप से आवंटित भूखंडों को तर्कसंगत रूप से उप-विभाजित करने की अनुमति देने के लिए एक पथप्रदर्शक कदम उठाते हुए प्रदेश कैबिनेट की बैठक में इसे नियमित करने की एक नीति- निर्देशों को स्वीकृति प्रदान की गई. नीति का उद्देश्य, नियोजित योजना में निर्धारित उपयोग को बदले बिना हरियाणा के नगरपालिका क्षेत्रों में स्थित नगर आयोजना योजनाओं, पुनर्वास योजनाओं, सुधार न्यास योजनाओं में भूखंड के अवैध उप-विभाजन को विनियमित करने एवं आवासीय भूखंडों के उप-विभाजन की अनुमति के लिए दिशानिर्देश और मानदंड जारी करना है.
नियमितिकरण एवं नये उप विभाजन के लिए पात्र न्यूनतम भूखण्ड का आकार 200 वर्ग मीटर होगा. मूल लेआउट में दर्शाई गई सड़क से उप- विभाजित प्लाट तक पहुंच होनी चाहिए. अवैध रूप से उप-विभाजित प्लाट और उप-विभाजन के नियमितीकरण हेतु नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा समय-समय पर अधिसूचित (आवासीय प्लाट हेतु) लाइसैंस फीस के 1.5 गुणा की दर से लाइसैंस फीस ली जाएगी. नए उप-विभाजन के लिए नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा अधिसूचित लाइसेंस फीस (आवासीय प्लॉट) लागू होगी.
हरियाणा एयरोस्पेस और डिफेंस प्रोडक्शन पॉलिसी-2022
इस पॉलिसी का उद्देश्य एयरोस्पेस एवं रक्षा क्षेत्र में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र के विकास के लिए पूर्णत पारिस्थितिक तंत्र सृजित करने पर जोर देना है. इस नीति के तहत आगामी पांच वर्षों में एक बिलियन अमरीकी डालर का निवेश आकर्षित करना तथा लगभग 25 हजार लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा कर हरियाणा को देश के अग्रणी एयरोस्पेस एवं रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना है. भारत में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा सशस्त्र बल है और रक्षा व्यय के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश है तथा वर्ष 2020 में अपने सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 3 प्रतिशत खर्च किया है. इसलिए हरियाणा में एयरोस्पेस और रक्षा उत्पादन का स्वदेशीकरण करने के लिए इस नीति की आवश्यकता महसूस की गई.
यूएचबीवीएन और डीएचबीवीएन की कार्य योजना को स्वीकृति
कैबिनेट मीटिंग में हरियाणा में विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई ‘पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस)’ को अपनाने और लागू करने के लिए उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) की कार्य योजना को स्वीकृति प्रदान की गई. पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना एक सुधार आधारित एवं परिणाम से जुड़ी योजना है जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से टिकाऊ एवं परिचालन रूप से कुशल वितरण क्षेत्र के माध्यम से उपभोक्ताओंकी बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता एवं विश्वसनीयता में सुधार लाना है. इस योजना का लक्ष्य 2024-25 तक अखिल भारतीय स्तर पर एटी एंड सी हानियों को 12-15 प्रतिशत और एसीएस-एआरआर अंतर को शून्य तक कम करना है.
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