एक ट्वीट के जरिए सोशल मीडिया पर वाहावाही बटोर रहें हैं राकेश टिकैत, जानें क्या है मुद्दा

नई दिल्ली | दिल्ली की सीमाओं पर तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में एक साल तक चले आंदोलन में किसानों के बड़े नेता बनकर उभरे राकेश टिकैत ने सोशल मीडिया पर एक ऐसी पोस्ट शेयर की है कि विरोधी भी उनके समर्थन में खड़े हो रहे हैं. टिकैत की इस पोस्ट पर चौतरफा प्यार मिल रहा है और यूजर्स किसान नेता के साथ मिलकर सरकार की तानाशाही के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं.

RAKESH TIKET

बता दें कि किसान नेता राकेश टिकैत को अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट को लेकर लोगों का विरोध झेलना पड़ता है क्योंकि वो अपनी बातों के जरिए केन्द्र की मोदी सरकार पर सीधा हमला बोलते हैं. लेकिन इस बार राकेश टिकैत ने ऐसा मुद्दा उठाया है कि विरोधी भी उनके समर्थन में उतर गए हैं और इस मुद्दे को लेकर टिकैत का खुलकर समर्थन कर रहे हैं.

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मीडिया से मिली जानकारी अनुसार टिकैत ने अपने ट्विटर पेज पर छत्तीसगढ़ में पेड़ों की कटाई का मुद्दा उठाया है. उन्होंने ट्वीट करके लिखा है कि छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में लगभग साढ़े चार लाख पेड़ काटे जा रहे है. उन्होंने आरोप लगाया कि कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिये सरकारें पर्यावरण से छेड़छाड़ कर रही हैं. इसका सीधा असर जल, जंगल, जमीन पर होगा. उन्होंने आगे लिखा, ‘हसदेव अरण्य आंदोलन के साथ पूरा देश खड़ा हुआ है.’

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राकेश टिकैत की इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर बेहद पसंद किया जा रहा है और लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि हमें जिंदगी देने वाले पेड़ों पर कुल्हाड़ियां नहीं चलानी चाहिए. एक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि खनन के लिए वन स्वीकृति देकर आदिवासी जीवन और लाखों पेड़ों को तबाह करने का भूपेश बघेल सरकार का फैसला बेहद निंदनीय है. यह अदानी, मोदी और स्वयं को लाभ पहुंचाने का खेल है. संविधान की पांचवीं अनुसूची तक का ध्यान नहीं रखा है.

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वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा है कि लोगों का कल्याण करने की बजाय सरकार कॉरपोरेट जगत को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है. सरकार को याद रखना चाहिए कि लोगों से वोट मिले हैं न कि कॉरपोरेट्स से. अगर सरकार लोगों के साथ अन्याय करेगी तो लोग सरकार के खिलाफ खड़े हो जाएंगे और इसका नुकसान सरकार को ही झेलना पड़ेगा.

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