नई दिल्ली | केन्द्र की मोदी सरकार ने कर्मचारियों के हित में एक और बड़ा फैसला लिया है. केन्द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बड़ी जानकारी देते हुए बताया हैं कि केंद्र सरकार के लापता कर्मचारियों के लिए पारिवारिक पेंशन नियमों में मोदी सरकार द्वारा बड़ी ढील देने का फैसला लिया गया है. उन्होंने बताया कि सरकार के इस फैसले से जम्मू- कश्मीर और पूर्वोत्तर के उग्रवाद प्रभावित इलाकों के साथ- साथ नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में सेवा करने वालों के परिजनों को बड़ी राहत पहुंचेगी.
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि उन सभी मामलों में जहां राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत सरकारी कर्मचारी सेवा के दौरान लापता हो जाता हैं तो परिवार पेंशन का लाभ तुरंत परिवार को दिया जाएगा और यदि वह कर्मचारी फिर से लौट आता है और ड्यूटी पर अपनी सेवा देगा तो लापता होने की अवधि के बीच के समय में पारिवारिक पेंशन के तौर पर दी गई रकम उसकी सैलरी से काटी जा सकती है.
कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इससे पहले, परिवार पेंशन का भुगतान तब तक नहीं किया जाता था जब तक कि लापता सरकारी कर्मचारी को कानून के अनुसार मृत घोषित नहीं कर दिया जाता था या उसे लापता हुए सात साल नहीं हो जाते थे. पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के आदेश का जिक्र करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार का यह फैसला राहत भरा है खासकर उन क्षेत्रों में जहां सरकारी कर्मचारियों के लापता होने की घटनाएं अधिक घट रही हैं.
केन्द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में काम करने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के अपहरण के मामले सामने आए हैं और इसलिए उनमें विश्वास जगाने और उन्हें और उनके परिवार के हितों की रक्षा को मद्देनजर रखते हुए पेंशन नियमों में बदलाव किए गए हैं. उन्होंने बताया कि सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 के तहत आने वाला कोई सरकारी कर्मचारी लापता हो जाता है, तो लापता कर्मचारियों के परिवारों को वेतन, पारिवारिक पेंशन, सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण, आदि के बकाये का लाभ 25 जून 2013 को जारी निर्देशों के मुताबिक दिया जाता है.
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि वेतन, सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी और अवकाश नकदीकरण के बकाये का लाभ परिवार को उन सभी मामलों में दिया जाएगा जहां एनपीएस के तहत आने वाला एक सरकारी कर्मचारी सेवा के दौरान लापता हो जाता है, भले ही कर्मचारी ने सीसीएस (पेंशन) नियमों के तहत या पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत निकास और निकासी) विनियम, 2015 के तहत लाभ के लिए विकल्प का प्रयोग किया हो.
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