यमुनानगर | ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो चुका है और बच्चे नाना- नानी के घर जाने के साथ ही मस्ती करने के लिए पर्यटन स्थलों पर जाना पसंद करते हैं. अभिभावक भी बच्चों के साथ मस्ती भरा समय बिताने के लिए टूर पर जाने की योजना बना रहे हैं. यदि आप बच्चों को प्रकृति के मनमोहक नजारों के साथ धार्मिक पर्यटन का भी अनुभव कराना चाहते हैं तो एक बार यमुनानगर ज़िले की सैर पर जरुर आइए.
यहां के पर्यटन स्थलों खूबसूरती के मामले में पहाड़ी क्षेत्रों से कम नहीं है. यहां के पर्यटन स्थल धार्मिक महत्ता और प्राचीन इतिहास की गवाही देते हैं. आदिबद्री में पहाड़ियों के बीच स्थित प्राचीन मंदिर व कलेसर मठ लोगों की धार्मिक भावनाओं का प्रतीक है. वहीं हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी का बहता पानी जो दिल्ली, उत्तर प्रदेश व दक्षिण हरियाणा की प्यास शांत करता है, ताऊ देवी लाल हर्बल पार्क में दुर्लभ जड़ी बूटियों का खजाना और कलेसर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का आकर्षण भी पर्यटकों के मन को मोह लेता है.
हथिनी कुंड बैराज
यमुना नदी पर बना हथनी कुंड बैराज सवा नौ लाख क्यूसेक पानी का दबाव सहने की क्षमता रखता है. ताजेवाला हेड, जिसका निर्माण अंग्रेजी हुकूमत ने करवाया था वो भी इस जगह के पास ही पड़ता है. हथिनी कुंड बैराज से ही पश्चिमी यमुना नहर से दिल्ली व पूर्वी नहर उत्तर प्रदेश में पानी का बटवारा होता है. बैराज के पास ही करोड़ों रुपए की लागत राशि से 23 एकड़ भूमि पर थीम पार्क का निर्माण कार्य चल रहा है, जहां पर्यटकों को आर्टिफिशियल लेक, पार्क, नक्षत्र केंद्र, मनोरंजन के लिए भूल भुलैया, रेस्टोरेंट, झूले, सेल्फी प्वाइंट सहित अन्य सुविधाएं मिलेंगी.
ताऊ देवीलाल हर्बल पार्क
184 एकड़ भूमि पर फैले ताऊ देवीलाल हर्बल पार्क चुहड़पुर में 350 से ज्यादा दुर्लभ जड़ी बूटियों का खजाना भरा हुआ है. देश भर से विशेषज्ञ यहां अनुसंधान करने पहुंचते हैं. इस हर्बल पार्क का उद्घाटन पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने किया था. जिस कुर्सी पर वह बैठे थे वह आज भी रिजर्व है. इस पर किसी ओर को बैठने की अनुमति नहीं है. उन्होंने अपने हाथ से पार्क में रुद्राक्ष का पौधा लगाया था.
कलेसर नेशनल पार्क
प्रतापनगर एरिया में स्थित कलेसर नेशनल पार्क सुंदरता का अद्भुत नजारा है. जहां वन विभाग की गाड़ी पर्यटकों को जंगल की सैर करवाती है. पार्क के नजदीक ही कलेसर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी है. पूरा पार्क जैव विविधता गुफाओं के साथ वन, खैर के जंगलों, घास जंगली जानवरों के लिए अनुकूल है. घने जंगलों में हिरण, नील गाय, जंगली मुर्गा, जंगली सुअर, चीतल, बार्किंग डीयर बड़ी संख्या में हैं.
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