हिसार | हरियाणा में प्री- मानसून ने अपने तय समय से चार दिन पहले ही दस्तक दे दी है. 17 जून को इसके प्रदेश भर में सक्रिय होने से अधिकतर स्थानों पर अच्छी- खासी बूंदाबांदी देखने को मिली. इसमें बंगाल की खाड़ी से आने वाली मानसूनी हवाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है. अब मौसम वैज्ञानिकों ने 29 जून के आसपास हरियाणा में मानसून पहुंचने की संभावना व्यक्त की है. ऐसे में सबकुछ ठीक- ठाक रहा तो मानसून की गतिविधियां भी प्रदेश में समय से पहले देखने को मिल सकती है.
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि आमतौर पर जुलाई के पहले सप्ताह में मानसून हरियाणा में दस्तक देता है और कई बार मौसमीय परिवर्तनों के कारण इसके लेट होने की संभावना भी बढ़ जाती है. उन्होंने बताया कि प्री मानसून का प्रभाव 21 जून तक जारी रहेगा. इस दौरान 30-40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने और गरज चमक के साथ बारिश होगी. इसके साथ ही तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी.
किसानों के लिए जीवनदायनी बनी बारिश
प्री मानसून की बारिश होने से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं. बता दें कि सामान्य से अधिक तापमान और गर्म हवाएं चलने से फसल झुलस रही थी जिससे किसानों को नुकसान झेलना पड़ रहा था. इसके अलावा ज्यादा गर्मी पड़ने से पौधे की बढ़वार पर भी फर्क पड़ रहा था. इसके साथ ही सिंचाई करने की आवश्यकता भी अधिक हो रही थी लेकिन प्री मानसून की बारिश ने किसानों की सभी समस्याओं को दूर कर दिया है. फिलहाल प्रदेश के हर एक जिलें में कही अधिक तो कही हल्की बूंदाबांदी ने तापमान को कम करने का काम तो किया ही है, साथ ही फसलों को भी हीट स्ट्रोक से राहत पहुंचाई है.
बता दें कि बारिश की बूंदें लगने से पौधे में नई उर्जा का संचार होता है. सब्जियां हो या कोई अन्य फसल बारिश होने से अच्छी बढ़वार को प्राप्त करेगी. इसके साथ ही किसानों की सिंचाई की जरूरत भी पूरी हो गई है. कुल मिलाकर कहा जाए तो प्री मानसून की बारिश किसानों के लिए जीवनदायिनी बनकर बरसी है.
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