रेवाड़ी | हरियाणा सरकार किसानों को प्राकृतिक खेती का मोह त्याग कर फसल विविधीकरण पद्धति से पैदावार बढ़ाने के लिए लगातार प्रोत्साहित कर रही है. इसके तहत दलहन व तिलहन की फसलों को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की गई है. दलहन व तिलहन की खेती करने वाले किसानों को प्रदेश सरकार द्वारा 4 हजार रुपए प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. सरकार का कहना है कि दलहन व तिलहन की फसल उगाकर किसान दोहरा लाभ उठा सकते हैं.
हरियाणा सरकार द्वारा यह योजना दक्षिण हरियाणा के सात जिलों हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, महेन्द्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर तथा नूंह में खरीफ 2022 के दौरान लागू की जाएगी. इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. इसके बाद क्षेत्र के कृषि अधिकारी व पटवारी द्वारा सत्यापित उपरांत सहायता राशि किसानों के अकाउंट में ट्रांसफर की जाएगी. प्रदेश सरकार का उद्देश्य इस योजना के जरिए किसानों की आमदनी बढ़ाना है.
बता दें कि फसल विविधीकरण के तहत दाल वाली फसलों की खेती करने से मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार तो आता ही है, साथ ही इससे जमीन की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है. दाल वाली फसल उगाने से किसानों को खेत में नाइट्रोजन फर्टिलाइजर की जरूरत भी कम पड़ेगी. तिलहन वाली फसलों को बढ़ावा देने से देश में खाद्य तेल की कमी को भी पूरा किया जा सकेगा. सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि दलहन व तिलहन फसलों की अधिक पैदावार के लिए नवीनतम व अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों के बारे में किसानों को उचित जानकारी दी जाएं.
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