नई दिल्ली | केंद्र सरकार द्वारा एक बड़ा कदम उठाया गया है, जिसके तहत 1 जुलाई से सरकार नए लेबर कोड लागू कर सकती है. अगर ये नए लेबर कोड लागू किए जाते हैं, तो कर्मचारियों को रोजाना 12 घंटे तक काम करना पड़ सकता है. यानी अगर वो 1 दिन में 12 घंटे काम करते हैं तो उन्हें सप्ताह में केवल चार दिन काम करना होगा. इन 4 नए लेबर कोड को 44 सेंट्रल लेबर एक्ट को मिलाकर तैयार किया गया है. लेकिन अब सवाल यह है कि इनके लागू होने के बाद कर्मचारियों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा.
कोड लागू होने से क्या होंगे बदलाव
- इस कोड के तहत ESIC और EPDO की सुविधाओं को बढ़ाया गया है.
- इस कोड के लागू होने के बाद असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले वर्कर्स, गिग्स वर्कर्स, प्लेटफॉर्म वर्कर्स को भी ESIC की सुविधा दी जाएगी.
- इस कोड के लागू होने के बाद किसी भी कर्मचारी को ग्रेच्युटी पाने के लिए पांच साल का इंतजार नहीं करना होगा.
- बेसिक सैलरी कुल वेतन का 50% या अधिक होगा जिससे ज्यादातर कर्मचारियों की वेतन का स्ट्रक्चर बदलेगा.
- बेसिक सैलरी बढ़ने से PF और ग्रेच्युटी का पैसा पहले से ज्यादा कटेगा.
- गौरतलब है PF बेसिक सैलरी पर आधारित होता है, इसलिए PF बढ़ने पर टेक-होम या हाथ में आने वाली सैलरी कम हो जाएगी.
इस कोड से होने वाले फायदे
- इस कोड में लीव पॉलिसी और सेफ एन्वायर्नमेंट तैयार करने की कोशिश की गई है.
- इस कोड के लागू होने के बाद 240 के बजाय 180 दिन काम के बाद ही आप लेबर छुट्टी पाने की हकदार बन जाएंगे.
- अगर किसी कर्मचारी को कार्यस्थल पर चोट लगती है, तो उसको कम से कम 50% मुआवजा मिलेगा.
- इसमें 1 सप्ताह में अधिकतम 48 घंटे काम का भी प्रावधान शामिल है. यानी 12 घंटे की शिफ्ट वालों को सप्ताह में 4 दिन काम करने की छूट होगी. वहीं, 10 घंटे की शिफ्ट वालों को 5 दिन और 8 घंटे की शिफ्ट वालों को सप्ताह में 6 दिन काम करना होगा.
वेज कोड
इस कोड के तहत पूरे देश के मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी देने का प्रावधान किया गया है. इसमें सरकार पूरे देश के लिए कम से कम मजदूरी तय करेगी. ऐसा इसलिए क्योंकि इस कोड के लागू होने के बाद देश के 50 करोड़ कामगारों को समय पर और निश्चित मजदूरी मिलेगी.
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