हथिनीकुंड बैराज की सुरक्षा के लिए तैयार हो रहा है ये प्लान, दिल्ली सहित 4 राज्यों को जाता है पानी

यमुनानगर | यमुना नदी के पानी का चार राज्यों हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, यूपी और दिल्ली में बंटवारें व जल आपूर्ति के लिए बने हथिनीकुंड बैराज की सुरक्षा को लेकर सिंचाई विभाग ने खास प्लान तैयार किया है. इसके तहत बैराज की करीब 500 मीटर डाउन स्ट्रीम में समर्सिबल वियर बेड( डैम का छोटा रूप जहां एक लेवल के बाद पानी का बहाव हो जाता है) तैयार किया जाएगा.

Yamuna River

इसकी डिजाइनिंग से पहले मिट्टी के सैंपल IIT रूड़की भेजें गए हैं. बैराज के अस्तित्व पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुए सेट्रल वाटर कमेटी के प्रस्ताव पर इस परियोजना को धरातल पर उतारा जाएगा और इस पर करीब 40 करोड़ रुपए की लागत राशि खर्च होगी.

इसलिए पड़ी जरूरत

बता दें कि जब पानी का बहाव डेढ़ लाख क्यूसेक से अधिक होता है तो उसके साथ पत्थर व लकड़ी के बड़े टुकड़े आने शुरू हो जाते हैं. जिसके कारण बैराज पर दबाव बढ़ जाता हैं और रिवर बेड के नीचे से रेत-मिट्टी खिसकनी शुरू हो जाती है. साल 1999 से अब तक रिवर बेड का लेवल करीब 14 मीटर डाउन आ चुका है. सुरक्षा के मद्देनजर सिंचाई विभाग की ओर से बैराज से 500 मीटर नीचे की ओर टेंपरेरी स्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है, ताकि बैराज पर पानी के दबाव को कम किया जा सके.

यह होगा फायदा

बैराज के 18 गेट हैं जिसमें से 15 गेट हरियाणा और तीन उत्तर प्रदेश में है. बैराज की क्षमता 10 लाख क्यूसेक पानी के दबाव की है. बैराज की डाउन स्ट्रीम में समर्सिबल वियर बेड बनाने से पानी का बहाव नियंत्रित करने में मदद मिलेगी जिसके कारण रिवर बेड डाउन जाने की संभावना कम हो जाएगी. दूसरा, हर दो साल के बाद टेंपेरेरी स्ट्रक्चर पर खर्च नहीं करना पड़ेगा और भविष्य के लिए बैराज की सुरक्षा सुनिश्चित हो जाएगी.

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