हरियाणा: बिजली ठीक करने के नाम पर कोई कॉल आती है तो हो जाएं सावधान

चंडीगढ़ | बिजली मंत्री ने कहा कि अगर बिजली बिल तय करने के नाम पर कोई कॉल आती है तो सावधान हो जाएं. विभाग ने ऐसा कोई नंबर जारी नहीं किया है. उन्होंने कहा कि बिल के मामले में लाइनमैन खुद बिजली बिल उपभोक्ताओं तक पहुंचाता है. उन्होंने विशेष रूप से मोबाइल नंबर- 7679709312 से फर्जी कॉल की शिकायत मिलने पर इस नंबर की विजिलेंस जांच कराने के निर्देश दिए.

ranjeet chautala

आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू

वहीं हरियाणा सरकार द्वारा बिजली खरीद के लिए अदाणी पावर के साथ किए गए नए समझौते को लेकर बवाल शुरू हो गया है. कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने सरकार पर नए समझौते में अडानी के सामने आत्मसमर्पण करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि यह समझौता हरियाणा के हित में नहीं है और इससे राज्य को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ेगा. उधर, राज्य के बिजली मंत्री रंजीत सिंह ने खुद आरोपों का जवाब देने का बीड़ा उठाया है. रणजीत सिंह का कहना है कि विपक्ष लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है.

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बिजली मंत्री रंजीत सिंह ने कहा है कि अदानी पावर लिमिटेड के नाम पर विपक्ष राज्य को गुमराह कर रहा है. तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समय अदानी से रणदीप सिंह सुरजेवाला जब बिजली मंत्री थे, उस समय 1424 मेगावाट बिजली खरीद समझौता हुआ था. इसमें 70 प्रतिशत घरेलू कोयला और 30 प्रतिशत आयातित कोयले का उपयोग किया जाना था, जिसे अब 83 प्रतिशत घरेलू और 17 प्रतिशत आयातित कोयला बना दिया गया है. अब अदाणी से 1200 मेगावाट बिजली ले रहे हैं.

उन्होंने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अदाणी पावर लिमिटेड से 2.94 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है. अन्य थर्मल से 3.40 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है. उन्होंने कहा कि पूरा कोयला कोल इंडिया लिमिटेड के माध्यम से खरीदा जा रहा है. मई, जून और जुलाई में बिजली की मांग ज्यादा होती है और पीक आवर्स में भी दो-तीन दिन के अलावा कहीं भी बिजली की कटौती नहीं होती. गुरुग्राम, फरीदाबाद औद्योगिक क्षेत्र में भी कोई कटौती नहीं हुई.

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हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कहा कि अडानी पावर और सरकार के बीच नए समझौते को देखकर लगता है कि भाजपा-जजपा सरकार ने अडानी के सामने पूरी तरह से आत्मसमर्पण कर दिया है. उन्होंने कहा कि समझौते की शर्तों के बारे में जानकर उन्हें बहुत निराशा हुई, क्योंकि सरकार अडानी पर राज्य के लोगों का राजस्व बर्बाद कर रही है. उदयभान ने कहा कि अडानी पावर लिमिटेड के साथ वर्ष 2008 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के दौरान 25 वर्षों के लिए अनुबंध किया गया था.

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लिखा था कि अदाणी पावर 2.94 रुपये प्रति यूनिट की दर से हरियाणा को प्रतिदिन 1424 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करेगी. सितंबर 2021 में, अदानी पावर ने हरियाणा को बिजली देने से इनकार कर दिया और प्रति यूनिट दरों में वृद्धि की.।यह समझौते का स्पष्ट उल्लंघन था. इससे हरियाणा को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ.।उन्होंने कहा कि सरकार ने अडानी पावर को कटघरे में खड़ा करने के बजाय नए फैसले में 224 मेगावाट बिजली सरेंडर कर दी. कांग्रेस इस मुद्दे को हर मंच पर उठाएगी. साथ ही सरकार और कंपनी के बीच छिपे एजेंडे का पर्दाफाश करेगी. वकीलों की सलाह पर भी इस मामले को कोर्ट तक ले जाया जा सकता है.

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