पानी की शुद्धता जांचने के लिए ग्राम पंचायतों में किट वितरित करेगा जन स्वास्थ्य विभाग, जांचने का तरीका हैं बेहद आसान

कैथल | ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी की शुद्धता चेक करने के लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने कदम उठाए हैं. जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के जिला सलाहकार दीपक कुमार ने बताया कि जिलें में 277 ग्राम पंचायतों में पानी की गुणवत्ता को जांचने के लिए विभाग द्वारा 7500 फील्ड टेस्टिंग किट मंगवाई गई है. प्रत्येक ग्राम पंचायत को 18 किट वितरित की जाएगी ताकि गांव के लोग अपने यहां जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जा रही पानी की सप्लाई की जांच कर सकें. इस किट में पानी डालकर रखने के बाद 30-35 डिग्री सेल्सियस तापमान पर 12 से 24 घंटे में पानी की गुणवत्ता का प्रमाण मिल जाएगा.

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जिला सलाहकार दीपक कुमार ने बताया कि किट में डालने के बाद पानी काला हो गया है तो वह पीने योग्य नहीं है. उन्होंने बताया कि किट द्वारा की गई जांच में पानी का सैंपल फेल हो जाता है तो जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की लैब में पानी का दोबारा टेस्ट किया जाएगा. यदि यहां भी पानी का सैंपल फेल हो जाता है तो विभाग द्वारा पानी दूषित होने की वजह का पता लगाकर उसका समाधान किया जाएगा. कई बार पाइप लाइन में लीकेज की वजह से भी पानी दूषित हो जाता है. उन्होंने बताया कि कही पर भी लीकेज नजर आएं तो विभाग के टोल फ्री नंबर 1800-180-5678 पर शिकायत दर्ज कराएं.

जिला सलाहकार दीपक कुमार ने ग्रामीणों को किट इस्तेमाल करने के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि किट में पानी डालकर उसे अच्छी तरह हिलाते हुए 12 से 24 घंटे के लिए रख दें. पानी का रंग हल्का भूरा रहता है तो पानी पीने योग्य है. यदि पानी का रंग काला हो जाता है तो वह पानी पीने योग्य नहीं है. पानी जांच का आसान तरीका होने के कारण कोई भी व्यक्ति इस किट का प्रयोग कर सकता हैं.

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