नई दिल्ली | संसद के मानसून सत्र में सरकार और विपक्ष कई अहम मुद्दों पर आमने-सामने होंगे. जिसमें सरकारी बैंकों के निजीकरण से लेकर बाल विवाह रोकथाम सहित कई बिल शामिल हैं. इस सत्र में विपक्ष सरकार से कई सवाल करेगी जिसमें भाजपा से निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के द्वारा विवादित टिप्पणी, सेना में भर्ती के लिए शुरू की गई अग्निपथ योजना, केंद्रीय जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग, महंगाई और बेरोजगारी जैसे सवाल शामिल है. वहीं, सरकार ने भी जवाबी रणनीति तैयार की है.
बैंकिंग संशोधन बिल पर हो सकती है तकरार
बता दें कि सरकार इस सत्र में बैंकों के निजीकरण के लिए बैंकिंग कानून संशोधन बिल लाने की तैयारी में जुटी है. अगर यह बिल पारित होता है तो सरकारी बैंकों में अपनी पूरी हिस्सेदारी खत्म करने का रास्ता खुल जायेगा. गौरतलब है कि सरकारी बैंकों में सरकार की 51 फीसदी की हिस्सेदारी जरूरी है. हालांकि सरकार ने इससे पहले भी प्रस्ताव रखा था जिसमें उन्होंने कहा था कि उसकी हिस्सेदारी 51 की बजाय 26 ही रहेगी और वह भी धीरे-धीरे कम होती जाएगी. इसी के साथ सरकार बिजली संशोधन बिल के जरिये उपभोक्ताओं को राहत देने की योजना बना रही है. इस बिल के पारित होने पर उपभोक्ता मोबाइल उपभोक्ताओं की तरह अपना मनपसंद सर्विस प्रोवाइडर चुन सकेंगे. इससे उपभोक्ताओं को काफी लाभ मिलेगा.
17 जुलाई को सर्वदलीय बैठक
इस सत्र को सही रूप से चलाने के लिए संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने सत्र से एक दिन पहले यानी 17 जुलाई को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस बैठक के दौरान सत्र की रणनीति तय की जाएगी. इस सर्वदलीय बैठक में पीएम भी शामिल होंगे. बता दें कि सत्र के पहले ही दिन 18 जुलाई को राष्ट्रपति का चुनाव भी है.
बाल विवाह रोकथाम बिल
इस सत्र में बाल विवाह रोकथाम बिल, जैव विविधता बिल, भारतीय अंटार्कटिका बिल और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी बिल पेश होने हैं. हालांकि इन बिलों का विपक्ष ने विरोध किया था, लेकिन इसके बाद भी इन बिलों को संसदीय समितियों को भेज दिया गया. इन बिलों में सबसे अहम बाल विवाह रोकथाम बिल है, जिसमें महिलाओं की शादी की न्यूनतम उम्र को 18 साल से बढ़ा कर 21 साल किए जाने का प्रावधान है.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!