Sawan Special: पांडवों ने यहां स्थापित किया था शिवलिंग, यहाँ पढ़े कैसे इसका नाम दुखभंजन महादेव मंदिर पड़ा

कुरुक्षेत्र | आज से सावन शुरू हो गया है , सुबह से ही आज शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ दिखाई दी. सावन के महीने में भक्तों द्वारा भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है, इसके साथ-साथ कुछ लोग तो पूरे सावन ही व्रत रखते है. आज की खबर में हम आपको प्राचीन शिवलिंग और उससे जुड़ी कथाओं के बारे में बताएंगे. इस शिवलिंग की पूजा करने से आपके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.

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इस शिवलिंग की पूजा करने से सारे कष्ट हो जाते हैं दूर 

बता दें कि सन्निहित सरोवर तट पर स्थित श्री दुखभंजन महादेव मंदिर में पांडवों ने अपने दुखों से छुटकारा पाने के लिए शिवलिंग की पूजा की थी. इसके बाद उनके सारे कष्ट दूर हो गए. यहां स्थापित शिवलिंग को दुखभंजन के नाम से जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि यदि कोई भक्त पांच सोमवार भगवान शिव की उपासना करता है, तो भगवान शिव उसके सारे दुख दूर कर देते हैं. सन्निहित सरोवर तट स्थित शिवलिंग स्वरूप को पूजने के लिए प्रत्येक सोमवार बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. इस मंदिर का इतिहास भी हजारों साल पुराना है.

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इस प्रकार करें भगवान शिव का अभिषेक

मंदिर से जुड़ी हुई अनेक कथाएं काफी प्रचलित है. सावन महीने के हर सोमवार को दुखभंजन महादेव मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिवलिंग अभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं. महाशिवरात्रि के मौके पर इस मंदिर में विशाल मेला लगता है. कावड़ लेकर आने वाले श्रद्धालु भी भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करते हैं. श्रद्धालु बलराम शर्मा ने बताया कि भगवान शिव की महिमा अपरमपार है. दुखभंजन महादेव मंदिर में दूर-दराज से श्रद्धालु शिवजी की पूजा करने के लिए आते हैं. सावन के महीने में शिवलिंग का दूध से अभिषेक करने से आपके घर में सुख -समृद्धि बनी रहती है.

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