रोहतक | 1997 में रोहतक से झज्जर जिले को अलग किया गया था. इसके बाद रोहतक के क्षेत्रफल में कमी आई, परंतु इसकी जनसंख्या लगातार बढ़ती जा रही है. उस समय इस जिले में जनसंख्या 7 लाख 76 हजार 966 रह गई थी. अब 25 साल के अंतराल के बाद जनसंख्या 12 लाख के आंकड़े को पार कर चुकी है. 2011 के आंकड़ों के अनुसार जिले की जनसंख्या 10 लाख 61 हजार 204 थी, जबकि 2021 का अनुमानित आंकड़ा 12 लाख 07 हजार 516 माना जा रहा है.
रोहतक जिले की जनसंख्या 12 लाख के पार
जिले की आबादी बढ़ने का प्रमुख कारण यहां शिक्षा- स्वास्थ्य का हब, सड़कों का जाल और दिल्ली के करीब जिले का होना है. बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ यहां पेयजल की समस्या भी बढ़ती जा रही है . रोहतक जिले में शहर के मुकाबले गांवों में अधिक आबादी रहती है. इसकी वजह शिक्षा व आर्थिक आधार भी है. बता दें कि रोहतक की नई सीमा बनने के बाद से सन 1991 से 2021 तक यहां जनसंख्या में 55% की बढ़ोतरी हुई है. वहीं जिला सांख्यिकी विभाग के डीएसओ नवदीप के अनुसार 10 साल के अंतराल में 13 से 15% के बीच जनसंख्या बढ़ना सामान्य माना जाता है.
ये है जनसंख्या बढ़ने के प्रमुख कारण
रोहतक जिले में चार बड़े विश्वविद्यालय, एफडीडीआई,आईआईएम, 20 से अधिक कॉलेज, 7आईटीआई, 5 से अधिक पॉलिटेक्निकल व कई निजी इंस्टिट्यूट है. रोहतक जिले से जेल को सुनारिया व बस स्टैंड को पुराने शहर के सेक्टर 6 के समीप जरूरत के हिसाब से शिफ्ट कर दिया गया . अभी भी डेयरी व ऑटो मार्केट को शिफ्ट करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. बार-बार नोटिस जारी करने के बावजूद भी इन दोनों को शिफ्ट नहीं किया जा रहा है.
रोहतक जिले का इतिहास
पुरातत्वविदों के अनुसार रोहतक जिले में 5 से सात हजार साल पहले की घग्गर हकरा संस्कृति से लेकर मध्यकाल ईस्वी के अवशेषों के बारे में जानकारी मिलती है. जिले में 226 जगह इतिहास दफन है, इतिहास से जुड़ी हुई कई जानकारियां यहां मिलती है. जाट कॉलेज के इतिहासकार डॉ विवेक दांगी के अनुसार जिले की ऐतिहासिक वस्तुस्थिति जानने के लिए शोध भी किया गया.
यहां पहले ऐतिहासिक दृष्टि से 109 पुरास्थल ज्ञात किए थे जो अब बढ़कर 226 हो गए हैं. अब सभी पुरातत्व स्थल खतरे में है, इनमें से अधिकतर या तो खत्म हो चुके हैं या खत्म होने की कगार पर है. जनसंख्या बढ़ने की वजह से जिले में प्रदूषण की समस्या भी काफी बढ़ गई है. एक समस्या की वजह से कई अनगिनत समस्याएं उत्पन्न हो गई है, आवास, हवा, भोजन, पानी,स्वास्थ्य आदि इसमें कई मुद्दे शामिल हैं.
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