सोनीपत के एक प्रोफेसर में मिले मंकीपाक्स जैसे लक्षण, मचा हडकंप

सोनीपत | हरियाणा के सोनीपत में विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर के शरीर पर लाल दाने पाए जाने से हड़कंप मच गया. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उन्हें मंकीपॉक्स का संदिग्ध मरीज मानकर सिविल अस्पताल में भर्ती कराया. इसके साथ ही अस्पताल प्रबंधन ने संदिग्ध मरीज के चार सैंपल जांच के लिए दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भेजे हैं.

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16 जुलाई को पहुंचे सोनीपत

एक दिन भर्ती होने के बाद डॉक्टरों ने प्रोफेसर को फ्लैट में आइसोलेट कर दिया है. उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गिन्नी लांबा ने बताया कि केरल के रहने वाले प्रोफेसर तीन महीने बाद हवाई यात्रा कर 16 जुलाई को सोनीपत पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को अपने शरीर पर लाल दाने दिखाई दिए. इसके बाद मंगलवार को वह इलाज के लिए सिविल अस्पताल पहुंचे. इस दौरान चिकित्सक डॉ. शैलेंद्र राणा से उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया और उन्हें मंकीपॉक्स के संदेह में अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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एम्स भेजे गए सैंपल

इस दौरान डॉ. शैलेंद्र राणा ने मामले की जानकारी सिविल सर्जन डॉ. जयकिशोर और उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गिन्नी लांबा को दी. सूचना मिलने के बाद सिविल सर्जन डॉ. जयकिशोर ने संदिग्ध मरीज के सैंपल लेने के निर्देश दिए. इसके बाद डॉक्टर ने संदिग्ध मरीज के खून के दो सैंपल लिए, एक-एक यूरिन और रेड रैशेज का. इन नमूनों को जांच के लिए दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भेजा गया है. वहां से रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल एक दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद संदिग्ध मरीज को फ्लैट में आइसोलेट कर दिया गया है.

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पीजीआई में मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए रिजर्व बेड

देश में मंकीपॉक्स के मामले बढ़ते जा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर पीजीआई चंडीगढ़ ने मंगलवार को मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए बेड रिजर्व कर दिए. पीजीआई के प्रवक्ता और डीडीए कुमार गौरव धवन ने बताया कि नेहरू अस्पताल के कम्युनिकेबल वार्ड और नेहरू एक्सटेंशन में आईसीयू बेड में कुछ बेड रिजर्व किए गए हैं. मंकीपॉक्स एक त्वचा संबंधी संक्रमण होने के कारण, त्वचाविज्ञान विभाग के विशेषज्ञों को संदिग्ध मामलों की जांच और प्रबंधन का काम सौंपा गया है. किसी भी रोगी को मंकीपॉक्स के लक्षण होने का संदेह होने पर उसे जांच और आवश्यक परीक्षण के लिए संस्थान की त्वचाविज्ञान शाखा में भेजा जाएगा. वायरोलॉजी विभाग को सैंपल प्रोसेसिंग और सैंपल रिपोर्टिंग के लिए नामित किया गया है.

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