करनाल | करनाल में खोले गए ड्राइविंग प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्था को लेकर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस केंद्र की स्थापना से करनाल और आसपास के जिलों के नागरिकों को बहुत लाभ होगा. कई सड़क दुर्घटनाएं ड्राइविंग कौशल की कमी और चालकों द्वारा सुरक्षा के उल्लंघन के कारण होती हैं राज्य सरकार ने अब उन युवाओं को ड्राइविंग प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है.
सीएम ने कही ये मुख्य बातें
प्रतिदिन 300 से 350 युवाओं को हल्के और भारी मोटर वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ड्राइविंग में अच्छे प्रशिक्षण से हमें अच्छे ड्राइवर मिलेंगे और सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी आएगी. उन्होंने कहा कि सड़कों पर यात्रियों की भारी भीड़ के कारण दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ गई है.
ऐसे में सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों की सही जानकारी समय की मांग है. प्रशिक्षण केंद्र में सहयोग के लिए वाहन निर्माता होंडा का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि होंडा कंपनी के सहयोग से शुरू किया जा रहा यह ड्राइविंग प्रशिक्षण संस्थान निश्चित रूप से इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा.
इस संस्थान की आधारशिला मुख्यमंत्री द्वारा 29 मार्च, 2018 को रखी गई थी. उन्होंने 14 दिसंबर, 2016 को करनाल में इस संस्थान को खोलने की भी घोषणा की थी. इस केंद्र की स्थापना होंडा मोटर स्कूटर इंडिया लिमिटेड के सहयोग से की गई है. लगभग र34 करोड़ की लागत से 9.25 एकड़ भूमि पर तैयार किया गया है.
अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर डिजाइन किए गए संस्थान में एक स्वचालित ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक, आधुनिक प्रशिक्षण उपकरण और क्लास रूम, वर्कशॉप, इंजन रूम और इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले के साथ कम्प्यूटरीकृत प्रणाली है. यहां दुपहिया, तिपहिया, चौपहिया, हल्की मोटर और भारी वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
परीक्षण ट्रैक पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने और ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के लिए केंद्र में एक स्वचालित ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक भी होगा. यह संस्थान पूरी तरह से स्वचालित होगा और इसके कामकाज में कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा. केंद्र से दूर रहने वाले छात्रों के लिए केंद्र में छात्रावास भी बनाया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई सड़क दुर्घटनाएं ड्राइविंग कौशल की कमी और चालकों द्वारा सुरक्षा के उल्लंघन के कारण होती हैं. इसलिए राज्य सरकार ने उन युवाओं को ड्राइविंग प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है जो ड्राइवर बनने के इच्छुक हैं.
राज्य भर में ड्राइवरों के प्रशिक्षण के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने के लिए इसके तहत कैथल, बहादुरगढ़ और रोहतक में आधुनिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे के साथ तीन ड्राइविंग प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान स्थापित किए गए हैं. अशोक लीलैंड और मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड जैसे हाई-टेक उपकरण निर्माता तीनों परियोजनाओं में भागीदार हैं.
यहां खुलेंगे और संस्था
अब करनाल के इस ड्राइविंग इंस्टिट्यूट सहित 4 संस्थान हो गए हैं. इनके अलावा, राज्य में 8 अन्य संस्थान खुलने जा रहे हैं जिनमें जिला भिवानी में कालूवास, नूंह में छपेरा, रेवाड़ी में जयसिंहपुर खेड़ा, जींद में पेगन, सोनीपत में मुरथल, यमुनानगर में औरंगाबाद, पलवल में बहिन और खीरी गुजरां में संस्थान शामिल हैं. फरीदाबाद जिले में जिला गुरुग्राम में भी क्षेत्रीय चालक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाएगा.
इन संस्थानों में मोटर वाहन चलाने के लिए प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद, आवेदक को संबंधित लाइसेंसिंग प्राधिकरण के समक्ष खुद को पेश करने की आवश्यकता नहीं होगी. आज देश और विदेश में प्रशिक्षित ड्राइवरों की बहुत जरूरत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन केन्द्रों की स्थापना से राज्य और विदेशों में बड़ी संख्या में बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में हर साल करीब 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. इन हादसों में करीब डेढ़ लाख लोगों को ड्राइविंग स्किल की कमी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ती है. देश में हो रहे सड़क हादसों में हरियाणा 13वें स्थान पर है और राज्य सरकार सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है.
हरियाणा के परिवहन विभाग को राज्य सरकार द्वारा सभी सड़क सुरक्षा कार्यों के लिए अग्रणी एजेंसी घोषित किया गया है. उन्होंने आगे कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि राज्य में सड़क हादसों में होने वाली मौतों के कारणों का सर्वेक्षण करके और उनके कारणों को सुधार कर इन दुर्घटनाओं को 50 प्रतिशत तक कम किया जाए, जिसके लिए हम सभी को ईमानदारी से प्रयास करने होंगे. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सुरक्षित सड़क नेटवर्क स्थापित करने के लिए न केवल सरकार बल्कि जनता, गैर सरकारी संगठनों और उद्योगों को भी आगे आना चाहिए.
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