नई दिल्ली | नए कृषि कानूनों के विरुद्ध किसानों का आंदोलन जारी है. किसान और पुलिस एक दूसरे के आमने सामने टक्कर में हैं. इसी दौरान राजधानी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल खुलकर किसानों के समर्थन में आ गए हैं. दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस की स्टेडियम को जेल बनाने की अर्जी नामंजूर कर दी है.
किसानों को है शांतिपूर्ण आंदोलन का संवैधानिक अधिकार
राजधानी दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि आंदोलनकृत किसानों की मांगे एकदम जायज है. किसानों की मांगों को केंद्र सरकार को तुरंत मान लेना चाहिए. किसानों को निरपराध जेल में डालना कोई उपाय नहीं है. किसान अहिंसक तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. भारत का संविधान किसानों को अहिंसक आंदोलन करने का अधिकार देता है. ऐसा करने पर किसानों को जेल में नहीं डाला जा सकता. अतः स्टेडियम को जेल बनाने की दिल्ली पुलिस की अर्जी को दिल्ली सरकार खारिज करती है. आम आदमी पार्टी ने इस संबंध में ट्वीट भी किया है.
दिल्ली सरकार ने किसानों की जायज मांगों को देखते हुए, दिल्ली पुलिस की स्टेडियम को जेल बनाने की अर्जी को नामंजूर कर दिया है।
केंद्र सरकार को किसानों की सभी मांगों को तुरंत मान लेना चाहिए। pic.twitter.com/XudotzIDHM
— AAP (@AamAadmiParty) November 27, 2020
केजरीवाल: तीनों नए कृषि कानून किसान विरोधी
गुरुवार को सीएम केजरीवाल ने तीनों नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताया था. उन्होंने कहा था कि इन बिलों को वापस लेने की अपेक्षा भोले-भाले किसानों को शांतिपूर्वक ढंग से आंदोलन करने से रोका जा रहा है. उन पर वाटर कैनन, आंसू गैस का प्रयोग किया जा रहा है. किसानों पर हो रहा इस प्रकार का जुर्म बिल्कुल गलत है. संविधान के अनुसार उन्हें शांतिपूर्वक आंदोलन करने का अधिकार है.
अन्य राज्यों में भी सुलग रहा आंदोलन
नई दिल्ली के साथ लगते यूपी में भी किसानों ने आंदोलन करना आरंभ कर दिया है. मेरठ, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, लखनऊ और मथुरा के साथ-साथ कई शहरों में भी किसान सड़कों पर उतर गए हैं. भारतीय किसान यूनियन के राकेश सिंह टिकैत मुजफ्फरनगर में किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं. हरियाणा-यूपी बॉर्डर भी छावनी में बदल गया है. काफी संख्या में यूपी पुलिस को बॉर्डर पर तैनात कर दिया गया है. पुलिस हाई अलर्ट पर है.
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