हरियाणा में शराब घोटाले की जांच कर रही एसईटी टीम की जांच रिपोर्ट को लेकर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व गृह मंत्री अनिल विज में फिर से टकराव के संकेत नजर आने लगे हैं. अनिल विज ने शराब घोटाले का जिम्मेदार एसपी प्रतीक्षा गोदारा तथा आबकारी एवं कराधान आयुक्त शेखर विद्यार्थी को ठहराया है. वहीं, दूसरी तरफ दुष्यंत इसे सरासर निराधार बताते हुए दुर्भावनापूर्ण रवैया बता रहे हैं. चौटाला ने इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए शेखर विद्यार्थी का खुलकर समर्थन किया है. साथ ही, आबकारी विभाग में ईमानदारी एवं सत्यनिष्ठा से हो रहे कार्यों की भी सराहना की है.
उन्होंने कहा कि पहले की अपेक्षा आबकारी विभाग में शराब की तस्करी पर भी काफी रोक लगी है. गठबंधन सरकार बनने से पहले भी ये स्वास्थ्य विभाग में दवाइयों के घोटाले से सम्बंधित विवाद में आमने सामने आए थे. दुष्यंत ने एसईटी की रिपोर्ट में उल्लिखित 14 FIR का जिक्र करते हुए बताया कि ये सभी उनके कराधान मंत्री बनने से पहले की हैं तो अब तक इन पर कार्यवाही क्यों नही हुई. साथ ही, उन्होंने कहा कि एसईटी में जितनी भी सिफारिशों के बारे में जिक्र है वे सभी आबकारी विभाग की पॉलिसी में पहले से ही शामिल हैं. अतः उसे ध्यान से नहीं पढ़ा गया.
उन्होंने विज की उस बात को भी सिरे से खारिज किया जिसमें उन्होंने शेखर पर डिस्टलरी का दौरा न करने देने के आरोप लगाए हैं. बताया कि पंजाब कराधान एक्ट में स्पष्ट लिखा है कि जब तक लिखित में कोई प्रस्ताव नही आता जब तक डिस्टलरी का दौरा नहीं हो सकता. उन्होंने बताया कि एसईटी प्रमुख टीसी गुप्ता की ओर से ऐसा कोई नोटिस उनके पास नहीं आया.
15 दिनों में शराब की अवैध खेप को किया जाएगा नष्ट
इन सब बातों का जिक्र करते हुए उपमुख्यमंत्री ने बताया कि नवम्बर 2019 तक का सारा अवैध स्टॉक खत्म कर दिया गया है. अब आने वाले 15 दिनों में बाकी बची शराब को भी नष्ट कर दिया जायेगा जिससे शराब की अवैध तस्करी पर रोक लग सके. एसईटी के इस विवाद में और भी कई बातों का जिक्र है जो इस मतभेद की वजह हैं. वहीं दूसरी तरफ विज ने दोषियों पर सख्त कार्यवाही के संकेत दिए हैं. सरकार के 2 दिग्गजों के बीच इस मतभेद से विपक्ष को सरकार पर आरोप-प्रत्यारोप का नया मुद्दा मिल गया है.
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