नई दिल्ली | दिल्ली सरकार ने शराब को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत एक सितंबर से दिल्ली में शराब की दुकानें फिर से पूरी तरह से बदल जाएगी. गौरतलब है कि, 15 नवंबर 2021 को दिल्ली में नई आबकारी निति लाई गई थी और सभी दुकानें प्राइवेट हो गईं थी. इससे पहले लगभग 500 दुकानें दिल्ली में सरकारी थी, जिनमें से 200 दुकानें प्राइवेट कर दी गई थी, लेकिन 1 सितंबर से जब पुरानी पॉलिसी फिर से लागू की जाएगी तो इन प्राइवेट दुकानों का पत्ता साफ हो जाएगा.
सरकार की तैयारी शुरु
इस पॉलिसी के तहत दिल्ली में 1 सितंबर से लगभग 500 सरकारी दुकानें खुल जाएंगी. इसके बाद और 200 सरकारी दुकानें खोली जाएंगी, जिसकी तैयारी सरकार ने शुरु कर दी है. यानी कुछ मिलाकर लगभग 700 सरकारी दुकानें खोली जाएंगी, जिनमें से एक भी प्राइवेट दुकान नहीं होगी. बता दें कि, इन शराब की दुकानों को केवल चार सरकारी एजेंसियां ही चलाएंगी, जिनमें DTTDC, DSIIDC, DCCWS और DSCSC शामिल है. यह वह एजेंसियां हैं जो पहले पुरानी पॉलिसी में शराब की दुकानों को हैंडल करते थे.
क्यों लिया सरकार ने यह फैसला
सरकार ने यह फैसला इसलिए क्योंकि मौजूदा शराब नीति में केवल कारोबारियों को फायदा पहुंच रहा था. वहीं, आम आदमी पार्टी और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का यह आरोप है कि, प्राइवेट दुकानों में बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं की मिलीभगत है. इसी को देखते हुए प्राइवेट दुकानों के शटर को बंद करने का फैसला लिया गया है.
एक हज़ार से ज़्यादा ब्रांड की मिलेगी च्वाइस
इस फैसला के अनुसार, यह भी तय किया गया है कि दिल्ली वालों को शराब के मामले में पूरा ऑप्शन दिया जाएगा. जिसमें दिल्लीवालों को 1000 अलग-अलग किस्म की शराब ब्रांड का ऑप्शन दिया जाएगा. जिसमें इंडियन और फॉरेन दोनों लिकर मौजूद होंगे. इसी के साथ दिल्ली के आसपास के राज्यों मसलन यूपी और हरियाणा से शराब की खरीद फरोख्त उपभोक्ता और यहां तक कि शराब माफिया काफी करते हैं, जिस पर रोक लगाने के लिए भी बड़े पैमाने पर तैयारी कर ली गई है.
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