नई दिल्ली, Jan Dhan Yojana | प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरु किए गए जन-धन योजना के आठ साल पूरे हो चुके हैं. इस मौके पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फैसला लिया है. इस फैसले के तहत बैंकिंग सेवा के दायरे से बाहर मौजूद लोगों को वित्तीय व्यवस्था का अंग बनाया जाएगा ताकि वित्तीय समावेशन की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके. जन-धन योजना (Jan Dhan Yojana) के आठ साल पूरे होने पर वित्त मंत्री ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि, ‘वित्तीय समावेश समावेशी वृद्धि की तरफ बढ़ने वाला एक बड़ा कदम है. इससे समाज के वचिंत तबकों का आर्थिक विकास सुनिश्चित किया जाएगा.’
अब 46 करोड़ से अधिक बैंक खाते खुले
गौरतलब है कि, 28 अगस्त 2012 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जन-धन योजना की पहल की थी. तब से लेकर अब तक 46 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले जा चुके हैं और उनमें 1.74 लाख करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं. सीतारमण ने अपने बयान में कहा कि इस योजना की मदद से देश की 67% ग्रामीण आबादी तक बैंकिंग सेवा पहुंची है और 56% महिलाओं के पास जन-धन खाते हैं.
हर वयस्क के पास हो बैंक खाता
अपने बयान में वित्त मंत्री ने कहा, ”पीएमजेडीवाई को 2018 के बाद भी जारी रखने का फैसला देश की वित्तीय समावेशन के उभरती जरूरतों और चुनौतियों को देखते हुए रखा गया था. परिवार के साथ-साथ हर वयस्क के पास बैंक खाता हो इस पर जोड़ दिया गया. जन-धन खातों के जरिए लोगों के पास सीधे सरकारी पैसा भेजने और रुपए कार्ड का इस्तेमाल करने का तरीका अपनाया गया है.”
The trinity of #PMJanDhan account, Aadhaar number & mobile has been ensuring simpler, faster transfer of #DBT with precise targeting of beneficiaries and plugging leakages. #JAMTrinity #8YearsOfJanDhan
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) August 28, 2022
पैसे भेजना अब हुआ सुविधाजनक
अपने बयान में सीतारमण ने कहा, ”जन-धन खातों को लोगों की सहमति लेकर आधार नंबर और मोबाइल नंबर से जोड़ने की व्यवस्था के कारण लोगों तक सरकारी योजनाओं का पैसा भेजना और भी सुविधाजनक हो गया है. यह योजना कोविड-19 महामारी के समय जरूरतमंद लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित हुई है.”
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