सिरसा | दिल्ली कूच पर निकले किसानों को हरियाणा के ग्रामीण इलाकों की तरफ़ से भी पूरा सहयोग दिया जा रहा है. दिल्ली की तरफ़ बढ़ रहे किसानों ने बीते शुक्रवार को जींद के नज़दीक गांव पोली के पास अपना डेरा डाला था. इस बीच गांव के ज्यादा से ज्यादा लोग भी बढ चढ कर किसानों को सहयोग देने के लिए आगे आए. ऐसे में गांव के वासियों ने मुनादी करवा कर इलाक़े में ठहरे किसानों के लिए भोजन की व्यवस्था करने की बात कही.
युवाओं ने कहा ‘जब तक किसान यहां से गुजरते रहेंगे, तब तक यह भंडारा यूं ही चलेगा‘
केवल इतना ही नहीं अपितु, देखते ही देखते ग्रामीणों ने क्षेत्र में रुके लगभग 30 हजार किसानों के लिए भोजन की अच्छी व्यवस्था कर दी. वहीं दूसरी ओर किसानों ने लगभग पांच मिनट में गांव से पांच लाख रुपये चंदा भी जमा किया. एक तरफ़, गांव के मुख्य बस स्टैंड पर युवाओं ने भंडारा भी लगा दिया. युवाओं ने संवादाताओं से बातचीत में कहा कि जब तक किसान यहां से गुजरते रहेंगे, तब तक यह भंडारा यूं ही चलता रहेगा.
पटियाला की बुजुर्ग महिला ने कहा ‘ये मान -सम्मान नहीं भूल पाऊंगी‘
गांव के लोगों ने किसान भाईयो के लिए जेनरेटर की भी व्यवस्था करवाई थी. इस बीच पटियाला के रहने वाली बुजुर्ग महिला सन्नो देवी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि गांव में मिले मान -सम्मान और इस प्यार को वह अपनी ज़िंदगी मे कभी भी भूल नहीं पाएंगी. युवा नेता रोहित दलाल की देख रेख में युवाओं ने किसानों को हजार लीटर दूध और केले भी अपनी श्रद्धा से वितरित किए. ऐसे में सभी मे किसानों को अपना सहयोग दिया फ़िर उन्हें इस मामले में उनकी जीत निश्चित रूप से होंगी ऐसी कामना करने लगें. वहा एक अध्यापक ने अपने साथियों के साथ मिलकर पांच क्विंटल मूंगफली किसानों को वितरित की.
सिरसा के ग्रामीण में जुटाया जा रहा राशन
दिल्ली में धरना देने की आज्ञा मिलने के बाद से ही सिरसा से लगातार किसानों का काफिला दिल्ली की ओर रवाना हो रहा है. ऐसे में जिले के कई गांवों में किसानों ने दिल्ली धरने के लिए राशन जुटाने का काम शुरू कर दिया है.
बीती शाम को भी पंजाब के लगभग 12 हजार किसानों के खिलाफ उपद्रव, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और कोरोना महामारी में सरकार द्वारा ज़ारी किए गए निर्देशों का उल्लंघन करने का मामला दर्ज करने पर अब वे सभी लोग इस बात पर भी अपना रोश प्रकट करते हुए नजर आ रहे हैं. अब आख़िर मे जिले के तीन किसान नेताओं को शनिवार शाम जमानत मिलने बाद जेल से रिहा कर दिया गया है. किन्तु, ऐसे में किसान प्रदर्शन करते हुए अभी भी इन काले कानूनों के मामले में अपना रोश प्रकट करते हुए सड़कों पर नज़र आ रहे हैं.
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