एयर इंडिया की ये 4 सहायक कंपनियां भी होंगी निलाम, कैबिनेट की मिली मंजूरी

नई दिल्ली | एयर इंडिया को टाटा समूह को बेचने के बाद सरकार ने अब उसकी सहायक कंपनियों को भी बेचने की योजना पर काम शुरू कर दिया है. सरकार ने बर्ड ग्रुप, सेलेबी एविएशन और आई स्क्वेयर्ड कैपिटल सहित संभावित बोलीदाताओं के साथ बातचीत शुरू कर दी है. एयर इंडिया की चार सहायक कंपनियां हैं – एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (एआईटीएसएल), एयरलाइन एलाइड सर्विसेज लिमिटेड (एएएसएल) या एलायंस एयर, एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (एआईईएसएल) और होटल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एचसीआई).

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कैबिनेट की मंजूरी मिली

एक अधिकारी ने एक अखबार को बताया कि संभावित बोली लगाने वालों के साथ योजना पर काम शुरू कर दिया गया है. सभी सहायक कंपनियों को बेचने के लिए हमारे पास पहले से ही कैबिनेट की मंजूरी है. बर्ड ग्रुप, सेलेबी एविएशन और आई स्क्वेयर्ड कैपिटल ने एआईटीएसएल के अधिग्रहण में रुचि दिखाई है. एक अधिकारी ने कहा- ‘हम पिछले कुछ समय से बर्ड समूह के संपर्क में हैं. हमारी योजना सहायक कंपनियों का मुद्रीकरण करने और देनदारियों को जल्द से जल्द निपटाने की है. क्योंकि बकाया कर्ज और बढ़ रहा है.

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बर्ड ग्रुप दिल्ली से बाहर स्थित सबसे बड़ी थर्ड-पार्टी ग्राउंड हैंडलिंग कंपनियों में से एक है. सेलेबी एविएशन होल्डिंग एक तुर्की आधारित ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी है और आई स्क्वेयर्ड कैपिटल एक निजी इक्विटी फर्म है जो वैश्विक बुनियादी ढांचे में निवेश पर ध्यान केंद्रित कर रही है. इस साल की शुरुआत में केंद्र सरकार ने एयर इंडिया का स्वामित्व टाटा समूह को हस्तांतरित कर दिया था. टाटा समूह ने 27 जनवरी को एयर इंडिया की कमान संभाली थी.

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कितना था एयर इंडिया पर कर्ज

जिस समय एयर इंडिया का मालिकाना हक टाटा समूह को मिला, उस समय इस एयरलाइन पर 52 हजार करोड़ रुपये का कर्ज था. टाटा संस ने 2020 की नीलामी में एयर इंडिया के लिए 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. इसमें से उसने 2,700 करोड़ रुपये नकद और 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज था. बाकी कर्ज सरकार को चुकाना था.

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सरकार की मुद्रीकरण योजना

सरकार ने खजाने को भरने के लिए पिछले साल 6 लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन की घोषणा की थी. हाल ही में सरकार ने संसद को बताया था कि चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 22-23) में विभिन्न बुनियादी ढांचे से 1.62 लाख करोड़ रुपये से अधिक जुटाने का लक्ष्य रखा गया है.

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