ज्योतिष, Pitru Paksha Special | 11 सितंबर से पितृपक्ष शुरू हुए थे, जो 25 सितंबर तक चलेंगे. बता दें कि यदि आपने इन पितृ पक्ष में कुछ भी नहीं किया है तो आप इन जरूरी उपायों को अवश्य कर लें. ऐसा करने से पितृ दोष का निवारण हो जाएगा. साथ ही आपके पितृ भी काफी खुश हो जाएंगे, फिर अगली बार ही आपको यह मौका मिलेगा. श्राद्ध पक्ष हर साल प्रत्येक अश्विनी मास में कृष्ण पक्ष में प्रतिपदा से शुरू होते हैं और जो अमावस्या के दिन पितृ विसर्जन के साथ पूर्ण होते हैं. यदि आप पितृपक्ष में जल दान या पिंड दान नहीं कर पाए हैं तो कम से कम अपने पितरों की पुण्यतिथि का स्मरण अवश्य कर ले.
पितरों को खुश करने के लिए करें यह जरूरी उपाय
इस दिन आप अपने पितरो की तस्वीर को अच्छी तरह से साफ कर, उनके माथे पर चंदन का टीका, माल्यार्पण तथा पुष्पांजलि अर्पित करें और दीपक जलाए. भोग लगाकर उनकी प्रसन्नता के साथ ही परिवार के सभी सदस्यों की सुख-समृद्धि की भी कामना करें. इसके बाद ही घर पर ब्राह्मण को आमंत्रित करें और उनके पैरों को धोने के बाद विधि-विधान तरीके से भोजन करवाएं. उसके बाद उन्हें यथायोग्य वस्त्र और दक्षिणा देकर घर से विदा करें.
गाय के दान को महादान माना गया है, पितृ दोष को दूर करने के लिए आपको गाय का दान अवश्य करना चाहिए. गाय की सेवा करने से व्यक्ति उन्नति करता है. अपनी भोजन की थाली में से यदि आप रोजाना एक रोटी निकालकर सफेद गाय को खिलाएं, तो इसे भी आपके पितृ काफी प्रसन्न हो जाते हैं. रविवार के दिन गाय को गुड़ खिलाने से भी पितृदोष खत्म हो जाते हैं.
समुंद्र मंथन के दौरान क्षीरसागर से 5 लोको की मातृ स्वरूपा नंदा, सुभद्रा, सुरभि, सुशीला और बहुला नाम की पांच गाय समस्त लोको के लिए प्रकट हुई थी, इसका अर्थ है कि अनादिकाल से गाय भारतीय संस्कृति का हिस्सा है. गायों का समूह जहां बैठकर निर्भयता पूर्वक सांस लेता है, वहां के सारे पाप और प्रदूषण अपने आप ही साफ होकर, वहा की वायु को स्वच्छ कर देते हैं.
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