देश का पहला अर्बन एक्सप्रेस-वे, कई मायनों में हैं खास; जानिए कब तक होगा शुरू

नई दिल्ली | देशभर में सड़क कनेक्टिविटी को मजबूत करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही केन्द्र की मोदी सरकार एक और खास मुकाम हासिल करने जा रही है. बता दें कि भारतमाला परियोजना के तहत दिल्ली-एनसीआर में 29 किलोमीटर लंबे द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य जोरों-शोरों से चल रहा है. देश के इस पहले एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेस-वे पर करीब 9 हजार करोड़ रुपए की लागत राशि खर्च होगी.

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राजधानी दिल्ली की हरियाणा से कनेक्टिविटी करने वाला यह एक्सप्रेसवे कई मायनों में खास रहने वाला है. इसमें फ्लाईओवर के उपर फ्लाईओवर का निर्माण हो रहा है. देश की पहली अर्बन टनल का निर्माण भी इस प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से सोहना रोड़, गोल्फ कोर्स रोड़ और गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड़ की ओर ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार देखने को मिलेगा.

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चार चरणों में पूरा होगा काम

दिल्ली से लेकर हरियाणा के खेड़की दौला तक बन रहे 29 किलोमीटर लंबे द्वारका एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य चार चरणों में पूरा किया जाएगा. इसमें से 18.9 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा में जबकि 10.1 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली में आता है. दिल्ली में इस एक्सप्रेस वे की शुरुआत NH-8 के नजदीक शिव मूर्ति के पास से हो रही है जिसका निर्माण कार्य जारी है. यह हिस्सा द्वारका के सेक्टर-21 से होते हुए गुड़गांव के सेक्टर 88, 84, 83, 99 और 103 से होकर गुजरेगा और खेड़की दोला टोल प्लाजा तक जाएगा. दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट को इस एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए एक टनल का निर्माण किया जा रहा है.

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लगेंगे 12 हजार पौधे

यह 16-लेन एक्सेस-कंट्रोल एक्सप्रेस-वे होगा. जिसमें दोनों तरफ कम से कम तीन-तीन लेन सर्विस रोड़ होगी. बता दें कि द्वारका एक्सप्रेस-वे में 4 मल्टी लेवल इंटरचेंज (टनल/अंडरपास, एलिवेटेड फ्लाईओवर और फ्लाईओवर के ऊपर फ्लाईओवर) बन रहे हैं. जब यह एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो जाएगा तो द्वारका के सेक्टर-25 में आने वाले इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (IICC) तक सीधी पहुंच होगी. पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए एक्सप्रेस-वे के किनारे 12 हजार पौधे लगाए जाएंगे.

एफिल टॉवर से 30 गुणा अधिक स्टील इस्तेमाल

इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य में 2 लाख मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल होगा यानि एफिल टॉवर से 30 गुणा अधिक. इसके अलावा, 20 लाख घन मीटर कंक्रीट (बुर्ज खलीफा के कंक्रीट का छह गुना) का इस्तेमाल होगा. देश की पहली अर्बन टनल भी इसी एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के तहत बनाई जाएगी जो कि 8 लेन चौड़ी और 3.6 किलोमीटर लंबी होगी.

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अगले साल तक शुरू होने की उम्मीद

इस एक्सप्रेस-वे के हरियाणा वाले हिस्से का निर्माण इस साल के अंत तक पूरा होने की संभावना है तो वहीं, दिल्ली वाले हिस्से का निर्माण कार्य अगले साल तक पूरा होगा. यह एक्सप्रेस-वे अत्याधुनिक इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम से लैस होगा. एक्सप्रेस-वे पर फुल ऑटोमैटिक टोल सिस्टम भी लगाया गया है. देश का पहला 9 किलोमीटर लंबा व 8 लेन का फ्लाईओवर और उसके साथ 6 लेन की सर्विस रोड़ इस एक्सप्रेस-वे का अहम हिस्सा है.

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