करनाल | 1 अक्टूबर यानि आज से हरियाणा में धान की सरकारी खरीद शुरू हो गई है. 1509 किस्म की धान के बाद एक और धान की 114 किस्म की मोटी धान (परमल धान) किसानों के लिए सोना साबित हो रही है. हालांकि, इस बार बारिश की वजह से पैदावार में कमी आई है लेकिन ऊंचा भाव मिलने से कुछ हद तक इस नुकसान की भरपाई हो रही है. इन फसलों के पिछले साल से कही अधिक भाव मिलने की खुशी किसानों के चेहरों पर साफ दिखाई दे रही है.
परमल धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,040 रुपए है लेकिन मंडियों में प्राइवेट धान एजेंसी 2250 रुपए तक खरीद रही है. किसानों का कहना है कि मोटी धान की किस्म 114 व 126 का भाव सीजन की शुरुआत से ही ऊंचा मिल रहा है. उन्होंने कहा कि इस बार बारिश की वजह से पैदावार में गिरावट आई है लेकिन ऊंचा भाव मिलने से कहीं-न-कहीं इस नुकसान की भरपाई हो सकेगी.
किसानों ने कहा कि पिछले दो-तीन सालों का जिक्र करें तो MSP से भी 250-300 रुपए कम भाव मिलता था. नमी का हवाला देकर 150-200 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से काट लिए जाते थे लेकिन इस बार मोटी धान की किस्म 114 व 126 का भाव MSP से 200 रुपए प्रति क्विंटल तक अधिक मिल रहा है, जिसकी खुशी किसानों के चेहरों पर साफ नजर आ रही है. करनाल मंडी में आढ़ती भगवान दास ने बताया कि आने वाले दिनों में भाव में और तेजी दर्ज हो सकती है.
करनाल की तरावड़ी अनाज मंडी की बात करें तो इसकी गिनती भारत की सबसे बड़ी अनाज मंडियों में होती है. यहां से धान की मोटी किस्म 114 विदेशों में एक्सपोर्ट की जाती है. वहीं, कृषि विशेषज्ञ ने बताया कि 114 किस्म की मोटी धान का चावल बारीक होने के चलते इसको बासमती चावल में मिला दिया जाता है, जिसके चलते इसके भाव अच्छे मिल रहें हैं.
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