नई दिल्ली | नए कृषि कानूनों (New Agricultural Laws) के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों (Kisan Protest News) को मनाने के लिए सरकार की तरफ़ से समय समय पर कोशिश की जा रही है. यही कारण है कि बीते गुरुवार को किसान संगठनों से जुड़े नेताओं व सरकार के बीच एक और वार्ता की गई. ऐसे में लगभग 8 घंटे की बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जी (Narendra Singh Tomar) ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि काफ़ी मुद्दों पर सहमति बन गई है. यहां सरकार किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए तैयार है. भविष्य में होने वाली बैठक में इसके समाधान की उम्मीद है. इस दौरान किसानों की कुछ मांगों को लेकर सरकार पूर्ण रूप से राजी हो गई है. चलिए जानते हैं वे कौन -कौन सी मांगे है, जिन्हें सरकार द्वारा मान लिया गया है.
किसानों को चिंता मुक्त करने के लिए, तैयार हुई सरकार
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने संवाददााओं से वार्ता के दौरान कहा कि सरकार मंडियों को पहले से ज्यादा मजबूत बनाने के लिए तैयार है. प्रस्तावित निजी बाजारों के साथ समान परिवेश सृजित करने, विवाद समाधान के लिए किसानों को ऊंची अदालतों में प्रवेश की आजादी दिए जाने जैसे विशेष मुद्दों पर भी विचार के लिए सहमति दी जा सकती है. आगे, उन्होंने यह भी कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एम एस पी पर खरीद व्यव्स्था आगे भी जारी रहेगी.
- कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने किसानों के साथ बैठक समाप्त होने के पश्चात कहा कि एस डी एम स्तर से आगे विवाद समाधान के दायरे और क्षेत्राधिकार बढ़ाने को लेकर सरकार हांमी भर सकती है.
- सरकार ए पी एम सी (कृषि उपज बाजार समिति) मंडियों और नए कानूनों के अंतर्गत बनने वाली निजी मंडियों के लिए एक- समान अवसर सुनिश्चित करने पर भी विचार विमर्श कर सकती है.
- नए कानूनों के अंतर्गत इस मामले में ए पी एम सी मंडियों के बाहर काम कर रहे कारोबारियों के
- रजिस्ट्रेशन के लिए भी प्रावधान करने के लिए सरकार तैयार है.
- नए कानूनों के कारण मंडियों को कमजोर करने के विषय में किसानों की चिंता पर विचार करने को सरकार सहमत है.
- सरकार पराली जलाए जाने और बिजली संबंधित कानून पर अध्यादेश से संबंधित किसानों की चिंता पर भी ध्यान करने के लिए तैयार है.
- सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम एस पी) पर खरीद के प्रोसैस को जारी रखने, त्रुटियों में सुधार और उसके विस्तार को लेकर प्रतिबद्ध है.
केंद्रीय कृषि मंत्री से वार्ता का मुख्य अंश “MSP को नहीं छूने जा रही सरकार “
केंद्रीय कृषि मंत्री ने एक बार फिर से अपना पक्ष रखते हुए कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था को कभी छुआ भी नहीं जाएगा. न्यूनतम समर्थन मूल्य के
मुताबिक़, फसलों की खरीद की व्यवस्था ऐसे ही चलती रहेगी. फ़िर मंत्री जी ने यह भी कहा कि आगे होने वाली बैठक शनिवार को दोपहर दो बजे के क़रीब होगी. ख़ास उम्मीद जताई जा रही है कि उस बैठक में मामला निर्णायक स्तर पर पहुंचेगा और फिर उसका कोई हल निकल सकता है. अंत में उन्होंने किसान संगठनों से ठंड के मौसम पर गहन विचार करते हुए किसानों से इस विरोध- प्रदर्शन को समाप्त करने की अपील की है.
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