नई दिल्ली | सितम्बर महीने में देश के कई राज्यों में बरसात हुई. बरसात की वजह से तिलहन और दलहनो की बुआई बढ़ी है. रबी की फ़सल सामान्यतः अक्तूबर-नवम्बर के महीनों में बोई जाती हैं. इन फसलों की बुआई के समय कम तापमान तथा पकते समय खुश्क और गर्म वातावरण की आवश्यकता होती है. उदाहरण के तौर पर गेहूँ, जौ, आलू, चना, मसूर, अलसी, मटर व सरसों रबी की प्रमुख फसलें मानी जाती हैं. कृषि मंत्रालय के अनुसार, 14 अक्टूबर तक देश में रबी की फसलों की बुआई बढ़कर 7.34 लाख हेक्टेयर हो चुकी है जो पिछले साल की बुआई से तकरीबन 2.16 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है.
बारिश ने बढ़ाई रबी की फसलों की बुआई
तिलहनी फसलों की बुआई चालू रबी में बढ़कर 4.32 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल की समान अवधि के 0.69 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है. रबी तिलहन की प्रमुख फसल सरसों की बुआई भी चालू रबी में बढ़कर 4.30 लाख हेक्टेयर पहुंच चुकी है. इसी प्रकार रबी दलहन की प्रमुख फसल चने की बुआई भी एक लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुकी है.
वहीं, दूसरी तरफ यदि मोटे अनाजों की बात की जाए तो मक्का की बुआई चालू रबी में 36,000 हेक्टेयर में और जवार की 39,000 हेक्टेयर में तथा रागी की 1,000 हेक्टेयर में हो चुकी है. धान की रोपाई चालू रबी में 1.25 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुकी है जो पिछले साल समान अवधि के 70 हजार हेक्टेयर की तुलना में कहीं ज्यादा है. रबी सीजन की प्रमुख फसलों में शामिल गेहूं की बुआई अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. जल्द-ही गेहूं की बुआई भी शुरू होने वाली है.
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