चंडीगढ़ । हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए 3 नए कृषि कानूनों के विरुद्ध चल रहे किसान आंदोलन (Kisan Aandolan) पर चुप्पी साधे खड़े हैं. लेकिन उनकी जननायक जनता पार्टी (JJP) के अधिकांश विधायकों ने किसान आंदोलन को समर्थन दे दिया है. 10 में से 7 विधायकों ने किसानों का समर्थन किया है.
दुष्यंत चौटाला खामोश
आपको बता दें कि हरियाणा में BJP और JJP की गठबंधन की सरकार चल रही है. दुष्यंत चौटाला की माता और बधरा से विधायक नैना चौटाला ने भी किसान आंदोलन को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है, जबकि किसान आंदोलन को अब हरियाणा के कई विधायकों का समर्थन मिल रहा है.
राम कुमार गौतम किसानों के पक्ष में
अब नारनौंद से JJP विधायक राम कुमार गौतम भी किसान आंदोलन का समर्थन करने वालों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि तीनों नए कृषि कानूनों को वापस ले लिया जाए. उन्होंने कहा कि किसान देश के अन्नदाता हैं, उनके बेटे देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं.
मोदी जी और उनके मंत्रियों की सुरक्षा भी किसान के पुत्र ही करते हैं. इसलिए मोदी जी इस मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को ध्यान में रखें और इन तीनों नए कृषि कानूनों को भंग करें. सभी धर्मों और जातियों के लोगों ने दिल्ली की सीमाओं को घेरा हुआ है. यदि किसानों की भावनाओं के विरुद्ध जाकर कानूनों को बनाए रखा जाता है, तो यह सरकार की बहुत बड़ी मूर्खता होगी.
अमरजीत ढांडा किसानों के पक्ष में
इसी प्रकार जींद के जुलाना से JJP विधायक अमरजीत ढांडा ने भी किसान आंदोलन को समर्थन दिया है और कहा है कि वह भी एक किसान के ही बेटे हैं. इसलिए वे किसानों के साथ खड़े हैं और खड़े रहेंगे. विधायक ने कहा कि किसान हमारे देश के अन्नदाता हैं और हमारा अन्नदाता ही सभी का पेट पालता है.
इसलिए भारत सरकार को किसानों की मांगें माननी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस व्यापक कृषि आंदोलन में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और देश के अन्य राज्यों से आए किसानों की मांगों को भारत सरकार को मानना चाहिए. उन्होंने कहा कि भयानक ठंड के मौसम में और कोरोना काल में दिल्ली की सीमाओं पर बुजुर्ग किसान आंदोलन कर रहे हैं.
किसान समर्थन में पहले आए यह विधायक
आपको बता दें कि इससे पहले भी नारनौंद से राजकुमार गौतम, शाहबाद से विधायक रामकरण काला, बरवाल से जोगी राम सिहाग किसानों के पक्ष में खड़े हुए हैं. लेकिन अभी तक दुष्यंत चौटाला ने इस मुद्दे पर अपने विचार प्रकट नहीं किए हैं, जबकि उनके पिता और JJP अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला ने भारत सरकार से विनती की थी कि कृषि कानूनों में MSP को शामिल करने पर विचार किया जाए.
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