आदमपुर उपचुनाव में BJP प्रत्याशी भव्य बिश्नोई ने ली राहत की सांस, नामांकन रद्द करने की उठी थी मांग

हिसार | आदमपुर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी भव्य बिश्नोई के नामांकन पत्र पर छाए संकट के बादल टलने से बिश्नोई परिवार ने राहत की सांस ली है. बता दें कि विपक्षी पार्टियों द्वारा भव्य बिश्नोई के नामांकन पत्र में ED केस को लेकर गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग को शिकायत भेजी गई थी जिसे चुनाव आयोग ने पड़ताल के बाद रिजेक्ट करते हुए उनका नामांकन स्वीकृत कर लिया है.

Bhavya Bishnoi

चुनाव निर्वाचन अधिकारी एससी शर्मा ने अपने आदेशों में कहा कि भव्य बिश्नोई ने अपने नामांकन के पेज नंबर 4 में केस नंबर 1961-1964/2021, तीस हजारी कोर्ट दिल्ली का जिक्र किया था. जिसमें स्पष्ट है कि ये केस 1961/ 2021, 1962/ 2021, 1963/ 2021, 1964/2021 हैं. ये सभी केस पेंडिंग है और दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में इनकी सुनवाई 13 दिसंबर 2022 को है.

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नहीं छिपाई कोई जानकारी

चुनाव अधिकारी ने बताया कि उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट होता है कि भव्य बिश्नोई ने किसी प्रकार की जानकारी नहीं छिपाई है. हालांकि, यह भी सत्य है कि पेज नंबर 18 में भव्य बिश्नोई द्वारा केवल एक केस ही पेंडिंग होना दर्शाया गया है लेकिन भारतीय चुनाव आयोग की गाइडलाइंस के अनुसार इस आधार पर उसका नामांकन पत्र रद्द नहीं किया जा सकता है.

इन व्यक्तियों ने दर्ज की थी शिकायतें

INLD प्रत्याशी कुरड़ाराम नंबरदार, आप प्रत्याशी सतेन्द्र सिंह, एडवोकेट रामनिवास व राजेश जाखड़ तथा धर्मवीर पूनिया द्वारा मुख्य चुनाव आयुक्त एवं निर्वाचन अधिकारी को शिकायत भेज कर बीजेपी प्रत्याशी भव्य बिश्नोई का नामांकन रद्द करने की मांग की गई थी. इन शिकायतों में कहा गया था कि भव्य बिश्नोई ने आदमपुर उपचुनाव के प्रत्याशी के तौर पर नामांकन में अपने खुद के खिलाफ मात्र एक ED का मुकदमा बताया है. मगर, उनके खिलाफ 4 फौजदारी मुकदमे 30 हजारी कोर्ट में 13 दिसंबर 2022 की तारीख से लंबित हैं, जिनमें प्रत्येक में उन्हें 7 साल तक की सजा हो सकती है.

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भव्य ने नामांकन में केस का ऐसे किया था जिक्र

बीजेपी प्रत्याशी भव्य बिश्नोई ने अपने नामांकन पत्र में शपथ पत्र देते हुए ED केस का जिक्र आईटी एक्ट 1961-1964/ 2021 दर्शाया था, जो कि दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में है. इसे खारिज करने के लिए एप्लिकेशन दी हुई है जबकि 1962,1963 नंबर केस भी है.

जुलाई 2019 में हुई थी छापेमारी

बता दें कि ED ने जुलाई 2019 में कुलदीप बिश्नोई के हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के 13 ठिकानों पर छापे मारे थे तब कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस पार्टी से आदमपुर हल्के से विधायक थे. बीजेपी ज्वाइन करने के बाद विपक्षी पार्टियों ने लगातार कुलदीप बिश्नोई पर निशाना साधते हुए कहा था कि ED की कार्रवाई से बचने के लिए कुलदीप बिश्नोई ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा हैं क्योंकि ED को छापेमारी के दौरान 200 करोड़ की नाजायज संपति मिली है. वहीं, आदमपुर उपचुनाव में भी विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे को लेकर बिश्नोई परिवार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाली है.

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