चंडीगढ़ | त्यौहारी सीजन में शहर में एक बार फिर फूलों के कारोबार ने रफ्तार पकड़ ली है. दिवाली और शादियों के सीजन में घरों, मैरिज हाल और मंदिरों को सजाने के लिए जबरदस्त बुकिंग होती है. इससे देशी-विदेशी फूलों की मांग बढ़ गई है. इनमें गेंदा, कमल, गुलाब के साथ-साथ कृत्रिम फूलों जैसे स्थानीय फूलों की मांग शामिल है. बाजारों में दिवाली पर केवल गैंदे और कमल के फूलों का 50 लाख रुपये तक कारोबार होने की उम्मीद है. जिले में लगभग 65 एकड़ में गैंदे और कंद की खेती की जाती है.
गुलाब और कमल की भी काफी मांग
बाजार में इस बार लक्ष्मी जी का सबसे पसंदीदा गेंदा फूल देखने को मिला. महंगाई के बावजूद इस फूल की खरीद को लेकर नागरिकों में उत्साह दिख रहा है. गुलाब और कमल की भी काफी मांग है. लक्ष्मी-गणेश की पूजा में गेंदे के फूल को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है.
बाजार में बहुतायत में मिलने वाले इस फूल की कीमत भी इस साल बाजार में काफी चढ़ती नजर आ रही है. फूलों की आपूर्ति भी जिले से दिल्ली के बाजार में की जाती है. बड़े पैमाने पर फूलों की खेती करने वाले प्रगतिशील किसान यश सैनी का कहना है कि यहां सबसे ज्यादा कंद, गैंदे की खेती की जाती है.
50 लाख रुपये का हुआ था नुकसान
इसके अलावा कई अन्य विदेशी फूल भी उगाए जाते हैं. उन्होंने बताया कि दिल्ली की गाजीपुर मंडी में फूलों की आपूर्ति की जाती है. कोलकाता से गाजीपुर मंडी में गेंदे के फूल भी आयात किए जाते हैं. उन्होंने बताया कि फेस्टिव सीजन खत्म होने के बाद शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा. ऐसे में अब फूलों की मांग बनी रहेगी. कोरोना काल में सबसे ज्यादा नुकसान फूलों की खेती में हुआ है. यश सैनी का कहना है कि उन्हें अकेले ही करीब 50 लाख रुपये का नुकसान हुआ था.
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