नई दिल्ली | केन्द्र की मोदी सरकार ने त्यौहारी सीजन के बीच किसानों को दिवाली का शानदार तोहफा दिया है. केन्द्र सरकार ने रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की घोषणा कर दी है. कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) ने गेहूं समेत सभी रबी फसलों की एमएसपी में 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी. सरकार के इस फैसले पर किसानों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि इससे किसान आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे.
MSP में बढ़ोतरी
केन्द्र सरकार द्वारा सबसे अधिक एमएसपी 500 रुपये प्रति क्विंटल मसूर की फसल पर बढ़ाई गई है. वहीं, सरसों की फसल पर एमएसपी में 400 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है. गेहूं की एमएसपी में 110 रुपए प्रति क्विंटल,चना की 105 रुपए प्रति क्विंटल, जौ की 100 रुपए प्रति क्विंटल तथा कुसुम की एमएसपी में 209 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है.
क्या होती है MSP
न्यूनतम समर्थन मूल्य वह होता है जिसपर सरकार किसानों से फसल खरीदने की गारंटी देती है. एमएसपी एक तरह से किसानों को बचाने वाली बीमा पालिसी की तरह काम करती है. इससे यह बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाली गिरावट का असर किसानों पर नहीं पड़ता और वे काफी हद तक किसी नुकसान से बचे रहते हैं. किसी फसल का एमएसपी सरकार इसलिए तय करती है ताकि किसानों का हक न मारा जाए और किसी भी हालत में उनको फसल का उचित न्यूनतम मूल्य मिलता रहे.
बढ़ोतरी के बाद नया भाव
फसल MSP (2022-23) MSP (2023-24)
गेहूं 2015 2125
सरसों 5050 5450
मंसूर 5500 6000
चना 5230 5335
जौ 1635 1735
कुसुम 5441 5650
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