Kisan Aandolan: सब्जियों के रेट में भारी गिरावट, किसान आंदोलन का पड़ा असर

यमुनानगर । कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा दिल्ली बॉर्डर किसानों के आंदोलन (Kisan Aandolan)  के कारण सील  है. इसका असर हरियाणा में सब्जी की खेती करने वाले किसानों पर पड़ रहा है. राष्ट्रीय राजधानी से सब्जियों की सप्लाई बंद होने से  हरियाणा में सब्जियों की कीमत काफी गिर गई है.इससे सब्जी उत्पादक किसान परेशान हैं.हरियाणा मे यमुनानगर सहित कई जगहों मंडियों मे गोभी तीन से चार रूपये प्रति किलो बिक रही है यही हाल अन्य सब्जियों का भी है.

SAD KISAN

पहले दिल्ली की मंडियों में भी सब्जी की डिलीवरी होती थी

पहले किसानों की सब्जी की लोकल मंडियों के अलावा दिल्ली मंडी में भी डिलीवरी होती थी, लेकिन किसान आंदोलन के कारण किसान गोभी गाजर, मूली,धनिया समेत कई अन्य सब्जियों को दिल्ली नहीं ले जा पा रहे हैं. इसकी वजह से उन्हें मजबूरन लोकल मंडियों में ही सब्जी बेचने पड़ रही है. यहां पर इतनी खपत नहीं हो रही जिसके कारण सब्जियों के रेट में गिरावट आ रही है. किसान की जो गोभी पहले मंडियों में 8 से ₹10 प्रति किलोग्राम बिक रही थी. वह अब मात्र 3 से ₹4 प्रति किलोग्राम बिक रही है.

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 यमुनानगर में इन सब्जियों की खेती बड़े स्तर पर

यमुनानगर सहित कई अन्य इलाकों में मूली व गोभी की खेती बहुत बड़े स्तर पर की जाती है. यमुनानगर में 50 हजार एकड़ से अधिक रकबे पर दोनों फसले हैं. रादौर क्षेत्र में किसानों का रुझान अधिक है. किसान आंदोलन के कारण मूली की फसल को लेकर हालात इतने खराब है कि मंडियों में खरीददारी ही नहीं मिल पा रही.

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ग़ुमथला राव के किसान हरनाम सिंह ने बताया कि उन्होंने उठान होने के कारण उन्हे 2 एकड़ में खड़ी फसल की जुताई करनी पड़ी. इसी तरह बरेडी के किसान राकेश कुमार ने बताया कि उन्होंने 1 एकड़ में फसल उगाई थी. आधा एकड़ की जुताई करनी पड़ी. इस साल मूली की फसल के रेट में भारी गिरावट आई है.

 अगर यह भाव रहे तो किसानों को होगा फायदा

गोभी उत्पादक किसानों का कहना है कि तकरीबन 1 एकड़ फसल तैयार करने में ₹40000 की लागत आ जाती है. दामों में भारी गिरावट के कारण किसानों को भारी घाटा हो रहा है. यदि किसान को ₹10 प्रति किलो दाम मिले,तो किसान को फायदा है. घिया  व धनिया के दामों में भी गिरावट है. स्थानीय मंडियों के विस्तार के लिए सरकार को जोर देना चाहिए. ताकि खपत अधिक से अधिक हो सके.

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