CBSE Exam 2021: आगे बढ़ सकती है, 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षा

नई दिल्ली । कोरोना काल यानी महामारी के संकट को देखते हुए जिस प्रकार से दिल्ली के साथ साथ देश के अधिकतर हिस्सों में स्कूल अभी भी बंद हैं, उसे देखते हुए सीबीएसई ( CBSE) की 10 वीं और 12 वीं की बोर्ड परीक्षाएं कुछ और दिनों के लिए आगे बढ़ सकती हैं. ऐसे में यह कहना ग़लत नहीं होगा कि इन्हें अब फरवरी- मार्च के स्थान पर अप्रैल या फ़िर मई के माह में आयोजित कराया जा सकता है.

दरअसल, इसे लेकर स्कूल संगठनों और प्रतियोगी परीक्षाएं कराने वाले एजेंसियां के साथ भी विचार- विमर्श किया जा सकता है. अभी के लिए अगले कुछ ही दिनों से इसे लेकर सारी स्थिति को साफ़ कर दिया जा सकता है. पिछले साल यानी वर्ष 2020 में सी बी एस ई की बोर्ड परीक्षाएं लगभग 15 फरवरी से 30 मार्च के बीच ही आयोजित करवाई गई थी.

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सीबीएसई परीक्षाओं के साथ ही घोषित होंगी अन्य परीक्षाओं की तिथियां

इस दौरान, सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं के साथ साथ ही जे ई ई मेंस ( JEE Mains) और नीट (NEET) आदि जैसी परीक्षाओं की तिथियों के विषय को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक जी ख़ुद भी इस मामले में विचार विमर्श करने के लिए सामने आ चुके हैं. शिक्षा मंत्री जी द्वारा छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ इस मामले में 10 दिसंबर को इस विषय पर फेसबुक व ट्विटर के प्रयोग से सीधी चर्चा भी रखी गई है.

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साथ ही साथ इस मामले को लेकर सभी से सुझाव भी मांगे गए हैं. दरअसल, इस सब के दौरान केंद्रीय विद्यालय संगठन से जुड़े सूत्रों द्वारा सांझा की गई जानकारी को आधार मानें तो स्कूलों के बंद होने से छात्रों को थ्योरी का अध्ययन ऑनलाइन माध्यम से करवा दिया गया है, किन्तु प्रैक्टिकल विषय में अभी बिल्कुल भी पढ़ाना सम्भव नहीं हो पाया है. ऐसे में बिना प्रैक्टिकल विषय की नॉलेज दिए कैसे परीक्षाएं ली जा सकती हैं. इसलिए प्रैक्टिकल विषयों की परीक्षाएं आयोजित करवाना अभी मुमकिन नहीं है.

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दरअसल, इस बीच छात्रों को 15 दिसंबर के बाद दस -दस के जत्थे में प्रैक्टिकल परीक्षा में शामिल होने के लिए बुलाने की भी तैयारी की जा रही है, किन्तु इसके लिए स्थानीय प्रशासन और राज्यों की अनुमति आवश्यक होगी. वहीं दूसरी ओर वर्ष 2020 में छात्रों की प्रैक्टिकल की परीक्षाएं एक जनवरी से ही शुरू हो गई थी, जो कि लगभग सात फरवरी तक चलती रही थी. इस साल में भी अभी तक छात्रों ने प्रयोगशालाओं का मुंह तक नहीं देखा है और यही वजह है कि अब प्रैक्टिकल परिक्षाओं को आयोजित करवाना मुमकिन नहीं है.

दवाई आने के बाद ही कम हो सकता है कोरोना का डर

वहीं, कोरोना काल यानी महामारी के दौर के चलते छात्रों को भले ही ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा देने का दवा किया जा रहा है, किन्तु सच्चाई यह है कि इस पढ़ाई से न तो अधिकतर छात्र एवम छात्राएं संतुष्ट हैं और न ही तो शिक्षकों को संतुष्टि मिल पा रही है. यही कारण है कि स्कूल भी परीक्षाओं के लिए और समय देने के हक में हैं.

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स्कूलों का मानना है कि जिस तरह से कोविड 19 से बचाव के लिए टीके के कुछ ही हफ्तों में आने की उम्मीद जताई जा रही है, हो सकता है कि अब दवाई आने के बाद से कोरोना यानी महामारी के संकट के डर में भी कमी आ सकती है.

अब टल सकती है इम्तिहान की घड़ी

  • फरवरी या मार्च की जगह पर अब अप्रैल या फ़िर मई में परीक्षा को आयोजित कराने को लेकर राय ली जा रही है.
  • लगभग 10 दिसबर को शिक्षा मंत्री निशंक जी से विचार विमर्श के बाद ही साफ तौर पर स्थिति का पता लगाया जा सकता है.
  • छात्रों को 15 दिसंबर की तारीख के बाद ही लगभग दस -दस के ग्रुप में प्रैक्टिकल के लिए बुलाने की तैयारी की जा रही है.
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