नई दिल्ली | राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में टीचर बनने का सपना संजोए बैठे युवाओं को दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बड़ा झटका दिया है. दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने एक परिपत्र जारी किया है, जिसमें पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (PGT) पदों की बहाली के नियमों में बदलाव किया गया है. दिल्ली सरकार के इस फैसले से लाखों युवाओं का पीजीटी बनने का सपना अधूरा रह सकता है.
36 से घटाकर 30 साल किया
दिल्ली सरकार द्वारा जारी नए नियमों के अनुसार, पीजीटी पदों के 19 विषयों जिनमें हिंदी, संस्कृत, पंजाबी, गणित, भौतिकी, राजनीति विज्ञान, सामाजिक शास्त्र, मनोविज्ञान, जीव विज्ञान,रसायन विज्ञान, कृषि, इंग्लिश, भुगोल, इतिहास, वाणिज्य, अर्थशास्त्र, बागवानी, गणित और बंगाली शामिल हैं , के लिए आवेदन करने की उम्र सीमा 36 साल से घटाकर 30 साल कर दी गई है. ऐसे में जो युवा 30 साल की उम्र पार कर चुके हैं उन्हें पीजीटी पदों पर आवेदन करने का अवसर नहीं मिलेगा.
PGT आवेदन के लिए बीएड डिग्री
दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि पीजीटी पदों के 19 विषयों के लिए अब सिर्फ 30 साल तक के उम्मीदवार ही आवेदन कर सकेंगें. आवेदनकर्ता के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से 50% अंकों के साथ स्नातक डिग्री होना अनिवार्य है.
बेरोजगारी बढ़ेगी
दिल्ली सरकार के इस फैसले पर ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि जहां हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन करने की उम्र 40 साल से उपर है तो वहीं दिल्ली सरकार 36 से घटाकर 30 साल उम्र कर रही है. सरकार ने इस आदेश ने एक झटके में घर बैठे हजारों युवाओं को बेरोजगारी की गर्त में धकेल दिया है.
दिल्ली सरकार युवाओं को नौकरी देने की बजाय उन्हें बेरोजगार बना रही है. दिल्ली सरकार के इस फैसले से बेरोजगारी बढ़ेगी. ऐसे में सीएम अरविंद केजरीवाल को युवाओं के भविष्य का ख्याल रखते हुए इस फैसले को वापस लेना चाहिए.
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