सोनीपत जिले में अनुसूचित जाति की महिलाओं ने पुरुष पंचायत के फैसले को नकारा, जानें क्या था पूरा मामला

सोनीपत | हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों का जोश अपनी चरम सीमा पर बना हुआ है और बहुत से गांवों में ग्रामीण सर्वसम्मति से सरपंच व पंचों को भी चुन कर चौतरफा प्रशंसा बटोर रहे हैं लेकिन हरियाणा के सोनीपत ज़िले से बिल्कुल इसके उल्ट एक मामला सामने आ रहा है जहां महिलाओं ने पुरुष पंचायत के फैसले को मानने से इंकार कर दिया है. इसके साथ ही उनका कहना है कि सर्वसम्मति न हुई तो अपने प्रत्याशी को वोट डालकर जिताएंगे.

Haryana Panchayat Election 2022

पहला मामला

यहां बात सोनीपत जिले के रिढाऊ गांव की हो रही है. यहां सरपंच पद के लिए महिला आरक्षित सीट है जबकि पुरुषों ने पंचायत में सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए महिला सरपंच पद पर जनरल वर्ग की स्वीटी को प्रत्याशी चुन लिया. इसका पता चला तो अनुसूचित जाति की महिलाएं विरोध में उतर आई.

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यहां की अनुसूचित जाति की महिलाओं ने गांव की चौपाल में पंचायत बुलाकर पुरुषों के तय प्रत्याशी को नकार दिया. महिलाओं ने नाराजगी जताई कि जब महिलाओं के लिए सीट आरक्षित है तो पुरुष इस पर प्रत्याशी कैसे तय कर सकते हैं. इसके बाद उन्होंने सर्वसम्मति से अपने प्रत्याशी का नाम घोषित कर दिया.

महिलाओं ने चुना अपना प्रत्याशी

पुरुष पंचायत में चुने गए प्रत्याशी को नकारते हुए अनुसूचित जाति की महिलाओं ने अनुसूचित जाति से राखी को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. इसके साथ ही महिलाओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पुरुषों ने सर्वसम्मति नहीं जताई तो वोट डालकर अपने प्रत्याशी को जिताएंगे. उनका कहना है कि गांव के विकास में हमारा योगदान ज्यादा है इसलिए प्रत्याशी चुनने पर पहला अधिकार भी हमारा ही होगा.

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अब ऐसा नहीं चलेगा

पंचायत में महिलाओं ने कहा कि अब पुरुषों की नहीं चलने देंगे. महिलाएं भी अपने अधिकारों का प्रयोग करना भली-भांति जानती है. महिलाओं ने एक स्वर में कहा कि ये पद हमारा है और हम ही इसके लिए फैसला लेंगे. सहमति बनती है तो ठीक है नहीं तो फिर वोट देकर जिता देंगे.

ग्रामीणों ने बताई साजिश

वहीं, इस मामले को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि गांव के सरपंच के लिए सर्वसम्मति न बन सकें इसलिए ये सब किया जा रहा है. उन्होंने इसके पीछे कुछ शरारती तत्वों का हाथ बताते हुए इसे साजिश करार दिया. ग्रामीणों का कहना है कि अब सर्वसम्मति के लिए नए सिरे से पंचायत हो सकती है.

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