ज्योतिष, Govardhan Puja 2022 | दिपावली के अगले दिन गोवर्धन महाराज की पूजा की जाती है. कुछ लोग गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं. हर घर में गोवर्धन पूजा का बहुत महत्व है. गोवर्धन पूजा में गोधन अर्थात गायों की पूजा की जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि गायों को उसी तरह पवित्र माना जाता है, जैसे कि नदियों में गङ्गा इसलिए कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोर्वधन की पूजा की जाती है और इसके प्रतीक के रूप में गाय की.
बारिश की वजह से सभी ब्रजवासी लोग अपने-अपने पशुओं की सुरक्षा के लिए इधर-उधर भागने लगे. ये सब देखने के बाद भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव का अहंकार तोड़ने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उंगली पर उठा लिया. तभी सभी ब्रजवासी लोगों ने पर्वत के लिए नीचे जाकर शरण ली. जिसके बाद भगवान इंद्रदेव को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने भगवान इंद्रदेव ने श्रीकृष्ण से मांफी मांगी. इस दिन के बाद से हर जगह पर गोवर्धन पर्वत की पूजा की परंपरा शुरू हुई. इस त्यौहार यानि गोवर्धन पूजा में अन्न और गौवंश की पूजा का बहुत महत्व है.