नई दिल्ली, Chandra Grahan | हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2022 का अंतिम चंद्रग्रहण 8 नवंबर को लगने जा रहा है. बता दें कि चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा तिथि के दिन ही लगता है. चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण दोनों को ही ज्योतिष शास्त्र में महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना जाता है. इसी वजह से ग्रहण का प्रभाव भी सभी राशि के जातकों पर देखने को मिलता है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने से काफी शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं. ग्रहण से कुछ समय पहले सूतक काल शुरू हो जाता है जो ग्रहण के दौरान भी जारी रहता है. सूतक काल के दौरान कई कार्यों पर प्रतिबंध लग जाता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूतक काल के दौरान कुछ नियमों के बारे में बताया गया है जिनका पालन करने से व्यक्ति ग्रहण के दुष्प्रभाव से खुद को बचा सकता है.
ग्रहण से जुड़े कुछ जरूरी नियम
- सूतक काल में गर्भवती महिलाओं का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए. इस दौरान उन्हें भूल कर भी घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.
- वही, सूतक काल में नुकिली चीजों को स्पर्श नहीं करना चाहिए. इस दौरान कैची, चाकू, सुई को बिल्कुल भी स्पर्श ना करें.
- सूतक काल में नींद लेना भी प्रतिबंधित माना जाता है इसलिए कोशिश करें कि इस दौरान जागते रहे और भगवान का नाम जपते रहें.
- सूतक काल में कई चीजों का ध्यान रखना आवश्यक है. इस दौरान भोजन पकाने और ग्रहण करने पर भी पाबंदी होती है. वृद्ध, बीमार और गर्भवती महिलाओं पर यह नियम लागू नहीं होते.