भिवानी में सेना के जवान ने दहेज में लिया एक रूपया, चौतरफा हो रही तारीफ

भिवानी | हरियाणा के भिवानी में एक शख्स ने अपनी बेटी की शादी में एक भी दहेज नहीं दिया. उनका दामाद सेना में है. सिपाही ने भी खुशी-खुशी एक रुपया और एक नारियल शादी में स्वीकार कर लिया. इस दौरान कहा गया कि दहेज एक सामाजिक बुराई है और इसे समाज से खत्म करने के लिए ऐसी शादियां जरूरी हैं. अब इस शादी को लेकर आसपास के इलाके में काफी चर्चा हो रही है.

damad bhiwani

सैनिक ने किया स्वीकार

भिवानी में डोबी तालाब के पास स्थित टाइयान पाना निवासी रामोतार सिंह तंवर ने अपनी बेटी प्रवीण की बिना दहेज के शादी कर ली है. राष्ट्रीय सम्मान संस्था के संस्थापक नेत्रपाल तंवर ने बताया कि प्रवीण का शगुन गांव रतेरा निवासी सुनील चौहान पुत्र गौरव सिंह चौहान के साथ हुआ है. गौरव भारतीय सेना में एक सिपाही है. रामोतार ने एक रुपया और नारियल देकर अपनी पुत्री का शगुन किया. सुनील चौहान ने सहर्ष स्वीकार किया.

सैनिक की हो रही सराहना

उन्होंने कहा कि सुनील चौहान ने ऐतिहासिक मिसाल कायम की है, दोनों बधाई और धन्यवाद के पात्र हैं. ऐसे लोग सम्मान के पात्र हैं, जिन्होंने रूढि़वादी सोच को कुचलने का काम किया है. उन्होंने कहा कि दहेज लेना एक सामाजिक बुराई है, जो युवा पीढ़ी की सोच को खोखला करने का काम करती है. सिपाही के इस काम की काफी तारीफ हो रही है.

अन्य लोगों को दहेज न लेने के लिए किया आह्वान

इसलिए हमें इस सोच को त्यागकर एक विचारधारा बनानी होगी, बिना दहेज को सोच तक सीमित रखें तभी हमारी आने वाली पीढ़ियां इस अभिशाप से मुक्ति पा सकेंगी. इस मौके पर रामोतार तंवर और सुनील चौहान ने अन्य लोगों से भी दहेज जैसी सामाजिक कुरीतियों को मिटाने के लिए काम करने का आह्वान किया.

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