पंचकूला । शिक्षा मंत्रालय ने नई स्कूल बैग पॉलिसी के अन्तर्गत अब स्कूल बैग का वज़न छात्र व छात्राओं के वज़न के 10 फ़ीसद पर निश्चित कर दिया है. ऐसे में इसके अतिरिक्त कई अन्य नियम को लागू करने के लिए भी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. इन नियमों के लागू होने के साथ स्कूली बच्चों की पढ़ाई में ऊंचे स्तर पर बदलाव देखने को मिल सकते है. यह सब बदलाव जल्द ही सामने आ सकते है. नई पॉलिसी के अनुसार, कक्षा 2 तक के छात्रों के लिए अब से कोई भी होमवर्क नहीं दिया जाएगा.
स्कूल परिसर में रखी जाएगी, डिजिटल वेटिंग मशीन
साथ ही साथ में छोटी कक्षाओं के बच्चों को अब से सिर्फ और सिर्फ स्कूल में ही उनकी पूरी पढ़ाई करवाई जाएगी. इसके अतिरिक्त कक्षा 1 से कक्षा 10 वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल बैग का वज़न भी, उस छात्र के वज़न के 10 फ़ीसद से अधिक नहीं होना चाहिए. नई शिक्षा नीति में इन सभी नियमो के पालन को अनिवार्य किया गया है. शिक्षा विभाग की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर, स्कूल को यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वे स्कूल परिसर में अब डिजिटल वेटिंग मशीन रखें जिससे स्कूल बैग के वजन को नियमित रूप से चेक किया जाए.
इसके अतिरिक्त, स्कूलों में लॉकर और डिजिटल वेटिंग मशीन दोनों चीजें उपलब्ध कराना अब लगभग जरूरी कर दिया गया है और परिसर में पीने के योग्य पानी उपलब्ध करवाना और ट्रॉली स्कूल बैग को प्रतिबंधित करना भी स्कूल बैग पर अपनी नई नीति में शिक्षा मंत्रालय द्वारा सांझा की गई गाइडलाइन मे विशेष रूप से सिफारिश करते हुए कहा है.
स्कूलों में ट्रॉली बैग पर लगा प्रतिबंध
नई राष्ट्रीय शैक्षिक नीति यानी NEP की सिफारिशों के मुताबिक़, इस क्षेत्र में किए गए काफ़ी शोध अध्ययनों के आधार मंट हुए, स्कूल बैग के मानक वजन के बारे में अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की सिफारिशों के अन्तर्गत पूर्ण रूप से यह फैसला लिया गया है और यही कारण है इस मामले पर सहमति जताई जा रही है. वहीं दूसरी ओर इस मामले के चलते स्कूलों में ट्रॉली बैग के इस्तेमाल पर भी रोक लगाई गई है.
पॉलिसी डॉक्यूमेंट में मुख्य भूमिका मे कहा गया है कि स्कूल बैग में अलग अलग कम्पार्टमेंट होने चाहिए और साथ ही उसका वज़न भी बेहद ही कम होना चाहिए. स्कूल बैग में दो गद्देदार पट्टियां जरूर होनी चाहिए जिससे बच्चे को बोझ उठाने में ज़रा सी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े. वहीं दूसरी तरफ ट्रॉली वाले बैग ओर पूर्ण रूप से प्रतिबंध इसलिए लगाया जा रहा है क्योंकि स्कूल परिसर में सीढ़ियां चढ़ते व उतरते समय यह बच्चे को चोट पहुचां सकता है.
नई शिक्षा नीति दे सकती है प्रैक्टिल नॉलेज को बढ़ावा
NEP 2020 की शिक्षा नीति में अलग अलग स्तरों पर छात्रों के लिए गृह कार्य के विषय में भी दिशा से जारी किए गए हैं. ऐसे में इसके अंतर्गत कक्षा 2 तक के छात्र एवम् छात्राओं के लिए कोई घर मे करने के लिए काम नहीं दिया जाएगा और कक्षा 9 वी से 12 वी तक के विद्यार्थियों के लिए हर दिन ज्यादा से ज्यादा सिर्फ दो घंटे का गृह कार्य दिया जा सकता है किंतु यह भी तभी मुमकिन होगा जब काम करना अति आवश्यक होगा.
शिक्षा मंत्रालय कि ओर से दिशा निर्देशों को जारी करते समय यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इन नियमों के लागू होने के साथ छात्रों में थ्योरिटिकल नॉलेज के साथ ही साथ प्रैक्टिल नॉलेज को बढ़ावा दिया जाएगा. इससे छात्रों ने प्रैक्टिकल ज्ञान व फील्ड वर्क की बढ़ोतरी होगी.
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